हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मौलाना हिलाल असगर हिंदी ने मौलाना सय्यद कल्बे जवाद नकवी पर हमले की सख्त अल्फ़ाज़ में निंदा करते हुए कहा कि हिंदुस्तान के मुमताज़, बेमिसाल और बेनज़ीर धार्मिक नेता हज़रत हुजतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना सैयद कल्बे जवाद साहब पर हमला वाक़ई दुःखद और लज्जाजनक है।
उन्होंने कहा कि हम मिल्लत-ए-ज़ाफरिया हिंद के आदरणीय आलिम-ए-दीन, सम्मानित धार्मिक रहनुमा और सामाजिक न्याय के पुजारी हुजतुल इस्लाम मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी साहब क़िब्ला व काबा* पर हुए इस कायराना हमले की कड़ी से कड़ी निंदा करते हैं।*
उन्होंने आगे कहा कि यह दिल तोड़ देने वाली घटना लखनऊ की सरज़मीन पर घटी — वही लखनऊ जो सदियों से इल्म, तहज़ीब, शराफ़त और भाईचारे का केंद्र माना जाता है। इस शहर में उस महान आलिम पर हमला, जो हमेशा अमन, इंसाफ़ और एकता का पैग़ाम देते रहे हैं, न सिर्फ़ मुसलमानों के जज़्बात को गहराई से चोट पहुँचाता है, बल्कि लखनऊ की ऐतिहासिक पहचान पर भी दाग लगाता है।
उनका कहना था कि यह हमला उस वक़्त हुआ जब मौलाना साहब वक्फ़ के मसलों और औक़ाफ़ी निज़ाम की सुधार के लिए जायज़ और क़ानूनी कार्रवाई कर रहे थे। यह साफ़ दिखाता है कि कुछ लालची और शरारती लोग, जो वक्फ़ की संपत्तियों में ग़ैर-ईमानदारी और भ्रष्टाचार के आदी हैं, मौलाना की ईमानदार और सुधारक कोशिशों से डरकर इस नीच और कायराना हरकत पर उतर आए।
हम भारत की सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और तमाम कानून-ए-नाफ़िज़ करने वाले इदारों से पुरज़ोर माँग करते हैं:
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इस घटना की फ़ौरन, निष्पक्ष और इंसाफ़ी जांच कराई जाए।
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इस हमले में शामिल सभी लोगों और इसके पीछे के साज़िशकर्ताओं को तुरन्त गिरफ़्तार करके सख़्त से सख़्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
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देश के सम्मानित उलमा, सामाजिक नेताओं और औक़ाफ़ के ज़िम्मेदारों की सुरक्षा के पूरे इंतज़ाम किए जाएँ ताकि भविष्य में कोई बदनीयत शख़्स ऐसी हरकत की जुर्रत ना कर सके।
मौलाना हिलाल असगर ने ज़ोर देकर कहा कि हुजतुल इस्लाम मौलाना सैयद कल्बे जवाद साहब हमेशा अमन, इंसाफ़, क़ौमी एकता और धार्मिक सहिष्णुता के प्रतीक रहे हैं; उन पर हमला दरअस्ल हक़ और सच्चाई की आवाज़ को दबाने की नाकाम कोशिश है। मिल्लत-ए-ज़ाफरिया और तमाम इंसाफ़पसंद नागरिक ऐसे डरपोक तरीक़ों से कभी डरने वाले नहीं हैं।
अंत में उन्होंने कहा कि हम मिल्लत के तमाम अफ़राद से अपील करते हैं कि वे सब्र, अनुशासन और एकता का प्रदर्शन करें, और अपने क़ायदे मौलाना सैयद कल्बे जवाद साहब के साथ ईमानी और नैतिक समर्थन का इज़हार करें। यक़ीनन, झूठ और ज़ुल्म की हर साज़िश, हक़ और इस्तिक़लाल (दृढ़ता) के सामने नाकाम और नामुराद होगी।
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