हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हुसैनाबाद (झारखंड, हिन्दुस्तान) के इमाम जुमा मौलाना सय्यद अली सजीर रिज़वी ने मौलाना सय्यद क़ल्बे जव्वाद नक़वी पर हुए इस हमले को अत्यंत दुःखद और निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ कुछ शरपसंदों ने क़ाएद‑ए‑मिल्लत मौलाना क़ल्बे जव्वाद नक़वी पर सडक़ पर हमला करने की कोशिश की जोकि पूरी क़ौम के लिए असहनीय है।
उन्होंने आगे कहा कि धर्म में उलमा और अफ़ाज़िल का एक ख़ास दर्जा और सम्मान है। मौलाना इस समय भारत में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रमुख शिया क़ौमी रहनुमा के रूप में जाने जाते हैं। अधिकतर हर छोटी‑बड़ी क़ौमी परेशानी और मसले में सबसे पहले मौलाना ही उलमा और मोमिनीन के साथ आगे बढ़कर आवाज़ उठाते हैं और कई बार तो अकेले ही पूरी क़ौम की आवाज़ बनते हैं। इसलिए अगर कुछ शरपसंदों ने क़ाएद‑ए‑मिल्लत की तौहीन करने का प्रयास किया है तो इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह वक़्त अपने अंदरूनी मसलों, मतभेदों, सियासी या क़बाइली झगड़ों में उलझकर सोचने या चुप रहने का नहीं है; बल्कि यह वक़्त उलमा और मोमिनीन के लिए पूरी ताक़त के साथ समर्थन दिखाने, कानूनी दायरे में रहकर सरकार से कार्रवाई की मांग करने और शरपसंदों को सबक सिखाने का है, ताकि भविष्य में किसी में भी ऐसी हिम्मत पैदा न हो सके।
उन्होंने कहा कि अगर हम सब इसी तरह खामोश तमाशाई बने रहे, तो याद रखिए — जब क़ाएद‑ए‑मिल्लत महफ़ूज़ नहीं है, तो भविष्य में किसी और के साथ भी कुछ हो सकता है। इसका नतीजा यह होगा कि हक़ का दामन डर और खौफ की वजह से छूट जाएगा और चुप रहकर हम ना‑हक़ के समर्थन का सबूत देते रहेंगे।
हुसैनाबाद झारखंड के इमाम जुमा ने कहा कि हम मोमिनीन‑ए‑हुसैनाबाद‑जपला‑झारखंड इस हमले की पुरज़ोर निंदा करते हैं और उत्तर प्रदेश की मौजूदा राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार से मांग करते हैं कि वे जांच कराकर अपराधियों और शरपसंदों को सख़्त से सख़्त सज़ा दें और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में इस तरह की कोई वारदात क़ाएद‑ए‑मिल्लत या किसी भी आलिम, फाज़िल, ख़तीब या मोमिन के साथ न हो।
अंत में उन्होंने दुआ की — “ख़ुदा से दुआ है कि क़ाएद‑ए‑मिल्लत और सभी उलमा‑ए‑कराम, अफ़ाज़िल, ख़ुतबा और मोमिनीन को सेहत, सलामती और अमन‑ओ‑अफ़ियत अता फ़रमाए और हर बला व मुसीबत से महफ़ूज़ रखे।”
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