हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, आयतुल्लाह शुब्बेरी ज़ंजानी ने एक बयान में इमाम हुसैन (अ) की दूर से ज़ियारत करने की प्रक्रिया का ज़िक्र किया और इस तरह इमाम हुसैन (अ) के ज़ायर होने का ज़िक्र करते हुए कहा: सुदैर सर्राफ़ी कहते हैं: हज़रत इमाम सादिक (अ) ने मुझसे फ़रमाया: ऐ सुदैर! क्या तुम अक्सर अबू अब्दिल्लाह हुसैन (अ) की ज़ियारत को जाते हो?
मैंने कहा: यह (अक्सर इमाम हुसैन की ज़ियारत करना) मेरे लिए मुश्किल है।
इमाम ने कहा: क्या तुम नहीं चाहते कि मैं तुम्हें कुछ ऐसा सिखाऊँ जिस पर अमल करने पर अल्लाह तुम्हारे लिए इमाम हुसैन की ज़ियारत का सवाब लिख दे?
मैंने कहा: जी! मैं आप पर कुरबान हो जाऊं।
इमाम सादिक़ (अ) ने फ़रमाया:
اغْتَسِلْ فِی مَنْزِلِکَ وَ اصْعَدْ إِلَی سَطْحِ دَارِکَ وَ أَشِرْ إِلَیْهِ بِالسَّلَامِ یُکْتَبْ لَکَ بِذَلِکَ الزِّیَارَةُ इग़्तसिल फ़ी मंज़ेलेका वस्अद इला सत्हे दारेका व अशिर इलैहे बिस सलामे युकतब लका बेज़ालेकज़ ज़ियारतो
अपने घर में ग़ुस्ल करो, घर की छत पर जाओ और उसकी ओर इशारा करके सलाम करो। ऐसा करने से तुम्हारे लिए (इमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत दर्ज हो जाएगी।
कामिल उज़ ज़ियारात, पेज 11, हदीस 5
 
             
                 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        
आपकी टिप्पणी