हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक मुनिर अल-बरश ने खुलासा किया है कि इसराइली सेना ने हालिया हमलों के दौरान रिहायशी इलाकों और मलबों में बारूदी खिलौने छोड़े हैं ताकि मासूम फ़िलिस्तीनी बच्चों को निशाना बनाया जा सके।
मुनिर अलबरश के अनुसार, ग़ाज़ा के तबाह इलाकों में ऐसे खिलौने मिले हैं जो बाहर से बिल्कुल निर्दोष और आकर्षक दिखते हैं, लेकिन दरअसल वे विस्फोटक पदार्थों से भरे होते हैं। यह इसराइली हमलों की एक नई और बेहद ख़तरनाक रणनीति है जो बच्चों की मासूमियत को सीधे तौर पर निशाना बनाती है।
उन्होंने अपनी एक फ़ेसबुक पोस्ट में लिखा,यह बम गुड़िया के रूप में हैं। क़ब्ज़ा करने वाली सेना ने सिर्फ़ घरों को ही नहीं, बल्कि बच्चों के हाथों में टाइम बम रख दिए हैं।
अलबरश ने बताया कि मलबों और गलियों में अब भी इसराइली मिसाइलों और बारूदी सामग्री के अवशेष मौजूद हैं, जो सेना के पीछे हटने के बाद भी मौत फैलाते रहते हैं। हर दिन अस्पतालों में बच्चों के कटे हुए अंग, घायल शरीर और जले हुए चेहरे लाए जा रहे हैं सिर्फ़ इसलिए कि उन्होंने किसी खिलौने को छू लिया था।
उनके मुताबिक, इसराइली सेना ने ख़ास तौर पर पक्षियों, टेडी बियर और गुड़िया के आकार के बम तैयार किए हैं ताकि वे बच्चों को अपनी ओर आकर्षित करें। जैसे ही कोई बच्चा उस “सुंदर खिलौने” की ओर हाथ बढ़ाता है, वह दरअसल मौत को गले लगा लेता है।
मुनिर अलबरश ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे इसराइल की इन अमानवीय हरकतों पर चुप्पी तोड़ें और ग़ाज़ा में जारी इस नरसंहार के ख़िलाफ़ ठोस कार्रवाई करें।
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