हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,तहरीक-ए-पैग़ाम-ए-इंसानियत पश्चिम बंगाल के दफ़्तर (71-जी, तलजला रोड, कोलकाता) में एक शानदार मजलिस ए इस्तक़बालिया का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मौलाना खुरशीद जमी़ल नदवी (इमाम, जामिया मस्जिद दुबई) की कोलकाता आगमन पर गर्मजोशी से इस्तक़बाल किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. सुबह इस्माइल नदवी, अलीग (डायरेक्टर, जब्रईल इंटरनेशनल स्कूल) ने की। उन्होंने अपने स्वागत भाषण में तहरीक-ए-पैग़ाम-ए-इंसानियत की सेवाओं और उसके संदेश-ए-ख़ैर व मोहब्बत पर रोशनी डालते हुए कहा कि यह आंदोलन दरअसल इंसानों के बीच भाईचारा, हमदर्दी और आपसी सम्मान की बुनियाद को मज़बूत करने का ज़रिया है, जिसकी आज दुनिया को सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।
इस मौके पर मौलाना खुरशीद जमी़ल नदवी ने अपने ख़िताब में इस आंदोलन के उद्देश्यों की सराहना करते हुए कहा कि पैग़ाम-ए-इंसानियत क़ुरआन और सुन्नत की असल शिक्षाओं की नुमाइंदगी करता है, जो इंसानों के दिलों को जोड़ने का पैग़ाम देता है।
कार्यक्रम के अंत में मौलाना खुरशीद आलम नदवी ने सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने पैग़ाम-ए-इंसानियत के काम के दौरान पेश आने वाले ऐसे भावुक और असरदार वाक़यात सुनाए, जिनमें इंसानियत की सेवा ने पत्थर दिल लोगों के दिलों को भी नरम कर दिया और उन्होंने भाईचारे की आवाज़ पर लब्बैक कहा।
इस सभा में शहर की कई मशहूर दीनदार और इल्मी हस्तियाँ शरीक हुईं, जिनमें ख़ास तौर पर मौलाना जावेद अब्बास नदवी, मौलाना शहादत हुसैन नदवी, मौलाना शब्बीर अहमद, मौलाना ग़ुलाम रब्बानी, मौलाना मूसा इमाम क़ासमी और मौलाना अहमद अली नदवी के नाम काबिले-ज़िक्र हैं।
खुशनुमा और रूहानी माहौल में कार्यक्रम का समापन हुआ, और शिरक़ा ने इस सभा को तेहरीक-ए-पैग़ाम-ए-इंसानियत के लिए एक उपयोगी और सार्थक कदम क़रार दिया।
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