हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "बिहार उल अनवार" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الحسن العسکری علیہ السلام:
کَفاکَ اَدَبا تَجَنُّبُکَ ما تَکْرَهُ مِنْ غَیْرِکَ؛
हज़रत इमाम हसन अस्करी (अलैहिस्सलाम) ने फ़रमाया:
सर्वोत्तम शिष्टाचार और आचार यह है कि तुम अपने साथ वह न करो जो तुम्हें दूसरों में पसंद नहीं है।
बिहार उल अनवार: भाग 78, पेज 377
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