गुरुवार 11 दिसंबर 2025 - 05:46
पैग़म्बर (स) की नज़र में माँ का बेमिसाल दर्जा

हौज़ा/ पैग़म्बर (स) ने एक हदीस में माँ के बेमिसाल दर्जे के बारे में बताया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत “बिहार उल अनवार” किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الصادق علیه‌السلام:

جاءَ رَجُلٌ إلی النَّبِیِّ (ص) فقالَ: یا رَسولَ اللهِ مَن أَبَرّ؟

قالَ (ص): أُمَّک.

قالَ: ثُمَّ مَن؟ قالَ (ص): أُمَّک.

قالَ: ثُمَّ مَن؟ قالَ (ص): أُمَّک.

قالَ: ثُمَّ مَن؟ قالَ (ص): أَباک

इमाम अल-सादिक (अलैहिस्सलाम) ने फ़रमाया: एक आदमी पैगंबर (स) के पास आया और सवाल किया किसके साथ नेकी करुँ?: 

आप (स) ने फ़रमाया: माँ के साथ नेकी करो।

फ़िर पूछा: उसके बाद? आप (स) ने फ़रमाया: माँ के साथ नेकी करो।

उसके बाद फ़िर पूछा: फिर उसके बाद? आप (स) ने फ़रमाया: माँ के साथ नेकी करो।

और जब चौथी बार पूछा तो फ़रमाया बाप के साथ।

यानी, जब उनसे पूछा गया, “सभी प्राणियों में सबसे ज़्यादा अच्छाई और अच्छी संगति का हक़दार कौन है?” उन्होंने कहा, “माँ, माँ, माँ।” और जब चौथी बार पूछा, तो उन्होंने कहा, “पिता।”

बिहार उल अनवार, भाग 74, पेज 94

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha