गुरुवार 20 नवंबर 2025 - 22:30
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में ईरान के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पेश किया

हौज़ा / पश्चिमी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका और यूरोपीय ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने ईरान के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में एक मसौदा प्रस्ताव जमा किया है। यह क़दम ऐसे समय में उठाया गया है जब एजेंसी और ईरान के बीच निरीक्षण और तकनीकी पहुंच को लेकर विवाद लगातार बढ़ रहा है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,पश्चिमी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका और यूरोपीय ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने ईरान के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में एक मसौदा प्रस्ताव जमा किया है। यह क़दम ऐसे समय में उठाया गया है जब एजेंसी और ईरान के बीच निरीक्षण और तकनीकी पहुंच को लेकर विवाद लगातार बढ़ रहा है।

मशरिक़ और रॉयटर्स की रिपोर्ट बताती है कि इस प्रस्ताव में ईरान से कहा गया है कि वह एजेंसी द्वारा उठाए गए सभी सवालों के जवाब दे और उन स्थलों तक निरीक्षण की अनुमति दे, जहां हाल के महीनों में बमबारी या सुरक्षा घटनाएँ हुई हैं। साथ ही, प्रस्ताव ईरान के समृद्ध यूरेनियम भंडार तक तत्काल पहुंच की मांग भी करता है।

कुछ मीडिया संस्थानों ने पहले ही संकेत दिया था कि यह मसौदा प्रस्ताव आठ धाराओं पर आधारित है और इसे IAEA बोर्ड की अगली बैठक में, जो 28 से 30 नवंबर के बीच आयोजित होने वाली है, चर्चा और मतदान के लिए रखा जाएगा। मसौदे में, पूर्व प्रस्तावों की तर्ज पर, ईरान से कहा गया है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम के विभिन्न हिस्सों पर रोक लगाए।

इन हिस्सों में यूरेनियम संवर्धन, पुनर्प्रसंस्करण, शोध एवं विकास कार्यक्रम, और भारी पानी से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। प्रस्ताव यह भी मांग करता है कि ईरान अतिरिक्त प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करे और अपना परमाणु डाटा एजेंसी को उपलब्ध कराए।

यूरोपीय तिकड़ी का दावा है कि ईरान एनपीटी परमाणु हथियार न फैलाने की संधि से जुड़े सुरक्षा समझौते का पालन नहीं कर रहा है। मसौदे में कहा गया है कि IAEA पिछले पाँच महीनों से ईरानी परमाणु स्थलों और समृद्ध यूरेनियम भंडार तक पहुँच नहीं पा सकी है, जिससे एजेंसी को तकनीकी समीक्षा और सत्यापन प्रक्रिया में बाधा का सामना करना पड़ा है।

एजेंसी का कहना है कि पहुंच न मिलने से वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम की स्थिति का स्वतंत्र मूल्यांकन नहीं कर पा रही है। यह प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर जारी तनाव और बढ़ती कूटनीतिक खींचतान की नवीनतम कड़ी माना जा रहा है

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