शुक्रवार 28 नवंबर 2025 - 23:43
एकता, परहेज़गारी और पारिवारिक मूल्यों की रक्षा समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। आयतुल्लाह सईदी

हौज़ा / आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद सईदी ने क़ुम अलमुक़द्दसा में जुमे की नमाज़ के खुत्बों में कहा कि रहबर-ए-इंक़ेलाब ने हालिया बयानों में देश में एकता और एकजुटता पर विशेष जोर दिया है, ख़ास तौर पर 12 दिवसीय युद्ध के बाद जब दुश्मन यह समझ रहा था कि ईरान में जनता और शासन के बीच दूरी बढ़ गई है उनके अनुसार, जनता की मज़बूत स्थिरता ने एक बार फिर दुश्मन की यह गलत गणना नाकाम कर दी।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , आयतुल्लाह सईदी ने कहा कि अमेरिका और ज़ायोनी अधिकारियों को यह भ्रम हो गया था कि इस्लामी व्यवस्था को कमज़ोर करने का सबसे अच्छा मौका उन्हें मिल गया है, लेकिन जनता ने उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

मुलाक़ातों और बातचीत के बारे में फैल रही अफ़वाहों को झूठा बताते हुए उन्होंने कहा कि रहबर-ए-इंक़ेलाब ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अमेरिका इस्लामी गणतंत्र के साथ संपर्क या सहयोग करने के योग्य ही नहीं है।

उन्होंने राष्ट्रपति की समर्थन को आवश्यक बताते हुए कहा कि सरकार भारी ज़िम्मेदारियाँ निभा रही है और शहीद रईसी के अधूरे योजनाओं को पूरा करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है, इसलिए सभी को उनकी सहायता करनी चाहिए।

फ़ुज़ूलखर्ची  के विषय पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह देश के लिए एक गंभीर खतरा है और यदि इससे बचा जाए तो हालात में स्पष्ट सुधार आ सकता है। उन्होंने बताया कि क़ुम में बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जो जनता के सहयोग से ही संभव होंगे।

आयतुल्लाह सईदी ने अल्लाह से संबंध, दुआ और गिड़गिड़ाहट की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि बारिश, सुरक्षा और शांति जैसी चीज़ों के लिए अल्लाह से मांगना चाहिए। उन्होंने हज़रत अली (अ) और हज़रत फ़ातिमा (स) के फ़ज़ाइल का उल्लेख करते हुए कहा कि इन हस्तियों ने मुनाफिक के चेहरों को बेनक़ाब किया और उम्मत को ईमान का सही मापदंड प्रदान किया।

पारिवारिक व्यवस्था के महत्व पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि कुरआन के अनुसार घर वह बुनियादी संस्था है जहाँ मानव की शख्सियत बनती है।शर्म-हया, परहेज़गारी, दीनदारी, आपसी सम्मान और सब्र जैसी विशेषताएँ सबसे पहले घर में ही पनपती हैं।

उन्होंने कहा कि मीडिया और कुछ गैर-ज़िम्मेदार तत्व तलाक़, बे-हयाई और गर्भपात को बढ़ावा देकर समाज को कमजोर करना चाहते हैं, इसलिए माता-पिता को अपनी आने वाली पीढ़ी और मूल्यों की रक्षा के लिए सतर्क रहना होगा।

अंत में उन्होंने आयतुल्लाहिल उज़्मा अराकी की मृत्यु पर दुख व्यक्त किया और शहीद फ़ख़रीज़ादे व मजीद शहरियारी की सेवाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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