अमरोहा
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मासिक पत्रिका मुबस्सिर दिल्ली के संपादक क़ैसर रज़ा नकवी अमरोहवी
हौज़ा/ अमरोहा, शैक्षणिक, साहित्यिक, धार्मिक एवं सामाजिक व्यक्तित्व कैसर रज़ा नक़वी के निधन पर विभिन्न संगठनों ने शोक व्यक्त किया है।
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अमरोहा में महफ़िल-ए-नूर नाम से भव्य आयोजन
हौज़ा / अमरोहा मे पैगंबर आखेरुज जमा, अस्तित्व के गौरव, ब्रह्मांड के निर्माता, बीबी ज़हरा के पिता और हसनैन करीमैन के नाना, अल्लाह के पैगंबर (स) के जन्म के संबंध में समारोहों का सिलसिला समाप्त हो गया है।
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उत्तर प्रदेश: अमरोहा में टिफिन में बिरयानी लाने पर सात वर्षीय छात्र को स्कूल से निष्कासन
हौज़ा / सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में मद्रास स्कूल के अध्यक्ष ओनीश कुमार शर्मा कथित तौर पर लड़के के धर्म और वीडियो में उसकी मुस्लिम पहचान के बारे में अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं। प्रिंसिपल कहते हैं कि वह उन छात्रों को स्कूल नहीं पढ़ाएंगे जो मांसाहारी खाना लेकर आते हैं और जो बड़े होकर मंदिर तोड़ देंगे।
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अमरोहा का मुहर्रम हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है
हौज़ा/अमरोहा का मुहर्रम जिन मामलों में अद्वितीय है, उनमें इमाम हुसैन के प्रति हिंदुओं की भक्ति विशेष रूप से उल्लेखनीय है। मुस्लिम श्रद्धालुओं की तरह हिंदू पुरुष और महिलाएं भी कर्बला के शहीदों के प्रति अपना हार्दिक प्रेम, भक्ति और सम्मान व्यक्त करते हैं।
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इस्लाम ने बंदो के अधिकारों पर जोर दिया है, मौलाना शादाब हैदर
हौज़ा /अल्लाह उन लोगों को माफ कर सकता है जो उसकी अवज्ञा करते हैं, लेकिन वह उन लोगों को माफ नहीं करेगा जो उसके बंदो का बकाया नहीं चुकाते हैं।
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बीबी ज़हरा का ख़ुत्बा फदक इस्लामी आदेशों का सार है, मौलाना रज़ा हैदर
हौज़ा / मौलाना रज़ा हैदर काज़मी ने कहा कि यह कहना बेतुका है कि वह खिलाफत के दौरान फदाक की मांग करने के लिए अदालत में गई थीं। बल्कि, वह मौला अली की विलायत की रक्षा करने और मौला अली के खिलाफत के अधिकार को साबित करने के लिए गई थी।
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अल-अक्सा तूफ़ान ने कई चेहरों से इस्लामी नक़ाब हटा दिया है
हौज़ा/अल-अक्सा तूफ़ान ने वो कर दिखाया जो कई सालों में नहीं हो सका और इसराइल की नाजायज़ औलादों का चेहरा दुनिया के सामने उजागर कर दिया।
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अमरोहा में इमाम रजा (अ.स.) के नाम पर एक मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल की आधारशिला रखी गई
हौज़ा / अमरोहा में बेहतर और किफायती उपचार सुविधाओं के साथ इमाम रज़ा (अ.स.) के नाम पर एक बहु-विशिष्ट अस्पताल स्थापित किया जा रहा है। इसकी आधारशिला भारत में ईरान के राजदूत डॉ अली चागिनी द्वारा रखी गई।
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एक अच्छा इंसान बनने के लिए जरूरी है कि इच्छाओं को हावी न होने दिया जाए, मौलाना सफी हैदर जैदी
हौज़ा / अल्लाह ने फ़रिश्तों को बुद्धि दी इच्छा नहीं दी, जानवरों को इच्छाएँ दीं लेकिन उन्हें बुद्धि के सार से वंचित कर दिया, लेकिन बुद्धि और इच्छाओं का सार भी उस व्यक्ति को दिया जिसे उसने प्राणियों में सबसे महान बनाया। अब यह मनुष्य पर निर्भर है कि वह बुद्धि को भावनाओं से ऊपर रखकर फरिश्ता बन जाए या फिर आत्मा की इच्छाओं का पालन करते हुए पशु बन जाए।
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अमरोहा में 'उर्दू मरसिए के पांच सौ साल' पुस्तक का विमोचन
हौज़ा / इस पुस्तक की ऐतिहासिक और दस्तावेजी स्थिति इस अर्थ में पक्की और स्थिर हो गई है कि इसमें मौला अली (अ.स.), सैय्यदा ताहेरा बीबी फातिमा ज़हरा (स.अ.) और जनाबे अकील इब्न अबी तालिब की बेटी के अरबी मरसिए और प्रसिद्ध अरबी शायर जनाब फ़रज़्दक़ के मरसीए उर्दू अनुवाद के साथ सम्मिलित है।
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अमरोहा में मौला अली को अलग अंदाज में श्रद्धांजलि दी गई। मौला अली से संबंधित दुर्लभ पुस्तकों की प्रदर्शनी
हौज़ा/ जामिया अल-हुदा पुस्तकालय में इमाम अली (अ.स.) के जीवन और जीवनी पर विद्वानों और शोध पुस्तकों की एक प्रदर्शनी का प्रदर्शन किया गया। उर्दू, फारी, हिंदी, अंग्रेजी और अरबी में दुर्लभ पुस्तकें भी प्रदर्शित हैं।
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अल्लाह के प्रतिनिधि ज्ञान के मालिक हैं मौलाना शहवार हुसैन
हौज़ा / पैगंबरों के बाद, अल्लाह ने उन नौकरों के मार्गदर्शन और दिशा के लिए इमामों को चुना, जो सभी अल्लाह द्वारा दिए गए ज्ञान के अधिकारी थे। इमाम अली नक़ी भी ईश्वरीय ज्ञान के ज्ञाता थे।
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मौला अली की सलाह पर ईरान फ़िलिस्तीनियों का समर्थन करता है: मौलाना आज़ाद हुसैन
हौज़ा / हमास और फिलीस्तीनी जो सूदखोर इस्राइल के खिलाफ लड़ रहे हैं, सुन्नी हैं लेकिन वे उत्पीड़ित हैं और वे उत्पीड़क के खिलाफ लड़ रहे हैं इसलिए ईरान हमास और फिलिस्तीनियों का समर्थन करता है।
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अमरोहा में हज़रत इमाम ज़ैनुल अबेदीन (अ.स.) और मानवाधिकारों के विषय पर एक भव्य सम्मेलन
हौज़ा / सभा को संबोधित करते हुए, अध्यक्ष ने कहा कि आज हमारे पास इमाम ज़ैनुल अबेदीन (अ.स.) के ज्ञान के दो खजाने हैं - एक सहिफ़ा सज्जादिया और दूसरा रिसालातुल हक़ूक। इन दो पुस्तकों को सार्वजनिक इसलिए किया जाए ताकि उनका अधिकतम उपयोग किया जा सके।
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ईदे मिलादुन नबी के अवसर पर अमरोहा में जलसा
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. की ओर से दुनिया को दिखाए गए रास्ते पर चलकर कामयाबी हासिल कर सकते हैं, मौलाना डॉ सैय्यद शहवार हुसैन नक़वी
हौज़ा/ज़कात हर उस मुसलमान पर वाजिब है, जिसके पास एक निश्चित रकम या भूषण है, इस लिए हमारी आर्थिक स्थिति ठीक होनी चाहिए और अगर हमारी आर्थिक स्थिति ठीक है तो हमें गरीबों, विधवाओं, असहायों आदि की मदद करने में सक्षम होना चाहिए।
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अगर ज़ैनब बिन्ते अली न होती तो ग़दीर की तरह कर्बला भी भुला दी जाती : मौलाना वसी हसन खान
हौज़ा/ सलाम हो उस बीवी पर जिसने कर्बला की कुर्बानी के संदेश को इमाम हुसैन की शहादत के बाद दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाया
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अल्लाह ने इस ब्रह्मांड को मनुष्य के तसर्रुफ के लिए बनाया है, मौलाना शमशाद जाफ़री
हौज़ा / ब्रह्मांड के कण कण में अल्लाह का जलवा प्रकट होता है। ब्रह्मांड की हर चीज़ और हर खुश्क ओ तर पुकार पुकार कर कह रहा है कि कोई है जो उन्हें इस खूबसूरत तरीके से बनाने वाला है। और सृष्टि की रचना करने वाला इन सबका स्वामी है और उसने इस ब्रह्मांड को मनुष्य के तसर्रुफ के लिए बनाया है।
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इस्लाम मोमिन से एक हक़ीक़ी आशिके इलाही और आशिक़े रसूल और आशिक़े आले रसूल होने का तक़ाज़ा करता है, मौलाना हसन कुमैली
हौज़ा / एक सच्चे प्रेमी को इस बात की परवाह नहीं होती कि कोई उसकी हरकत देख रहा है या नहीं। क्योंकि वह जानता है कि कोई उसे देखे या न देखे, कोई उसे जाने या न जाने, उसका प्रिय उसकी हर क्रिया से अवगत है।
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कर्बला को समझने के लिए पैगंबर (स.अ.व.व.) के दुनिया से जाने के बाद की स्थिति को समझना आवश्यक है: मौलाना गुलज़ार जाफ़री
हौज़ा / रसूलुल्लाह द्वारा छोड़े गए इस्लाम की क्या स्थिति हो गई थी इसका अंदाजा लगाने के लिए यह घटनाए काफी हैं कि बुधवार को जुमे की नमाज अदा की गई और सुबह की नमाज दो के बजाय चार रकअत पढ़ा दी गई। पढ़ाने वाले ने पढ़ा भी दी और पढ़ने वालो ने पढ़ भी ली।
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अमरोहा में जश्ने ईदे मुबाहेला और महफ़िले मनकबत
हौज़ा / 24 ज़िल-हिज्जा की रात मौहल्ला गुज़री के अज़ाखाने मुसम्माते ख़य्यारन मे ईदे मुबाहेला के अवसर पर एक मनकबती समारोह का आयोजन किया गया। इस मनकबी समारोह में बड़ी संख्या में शहर के मद्दाहे अहलेबैत (अ.स.) ने बरगाह पंजेतन में नज़राना ए अक़ीदत पेश किया।
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क़िस्त न. 3
भारतीय धार्मिक विद्वानो का परिचय। आयतुल्लाह सैयद यूसुफ़ हुसैन अमरोहवी
हौज़ा / पैशकश: दानिशनामा ए इस्लाम, इंटर नेशनल नूर माइक्रो फ़िल्म सेंटर दिल्ली
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मजलिसे चेहलुम,बराये इसाले सवाब, मौलाना सैय्यद ज़ीशान हैदर नक़्वी
हौज़ा/ हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैय्यद ज़ीशान हैदर नक़्वी इब्ने सैय्यद ज़रग़ाम हुसैन मरहूम के बुलंद दरजात के लिए एक मजलिसे सैय्यदुश शोहदा हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का आयोजन किया गया है। जिसमें आप की शिरकत की गुज़ारिश है।
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अमरोहा शहजादी कोनेन (स.अ.) की मदहा में मनकबत का समारोह
हौजा / अमरोहा में रसूल अकरम की बेटी शहजादी-ए कौनेन हजरत बीबी फातिमा ज़हरा के सम्मान में एक समारोह आयोजित किया गया।
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गंगा-जमनी सभ्यता का अनोखा रंग, अमरोहा में मुस्लिम परिवार होली की टोपीया बनाता है
हौज़ा / उत्तर प्रदेश के अमरोहा ज़िले से संबंध रखने वाले मिर्ज़ा नसीम बेग का परिवार आज़ादी के समय से ही हाथ से होली की टोपी बना कर होली मे रंग भर रहा है।