अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली (अ.स.)
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दिन की हदीस:
अमीर अल-मोमिनीन (अ) की लोगों को दो चीजों से बचने की सलाह
हौज़ा/ अमीर अल मोमिनीन हज़रत अली (अ) ने लोगों को एक रिवायत में दो चीजों से बचने की सलाह दी है।
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:दिन कि हदीस
इन तीन लोगों से दूर रहे!
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में कंजूस, लालची और कायर लोगों से दूर रहने की सलाह दी हैं।
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:दिन कि हदीस
हज़रत अली अ.स.की मौतों की ज़ियारत पर ताकीद
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में मौतों की ज़ियारत को जाने पर ताकीद की हैं।
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:दिन कि हदीस
हमारे लिए कैसे मारना बेहतर हैं?
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में अल्लाह तआला की राह में जिहाद करते हुए मरने को बेहतरीन मौत करार दिया गया हैं।
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:दिन कि हदीस
सखावत करो, फ़ज़ूलखर्ची से बचें!
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में सखावत और किफायत के दरमियान बराबरी करने की नसीहत की हैं।
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अमीरूल मोमेनीन (अ.स.) अल्लाह का नूर है, हुज्जतुल इस्लाम नज़री मुनफ़रिद
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया के शिक्षक ने यह बताते हुए कि जब अल्लाह किसी की महानता को बढ़ाना चाहता हैं तो कोई बाधा नहीं होती, ने कहा कि अमीरूल मोमेनीन (अ. स.) अल्लाह का नूर है इस शम्आ को कई नहीं बुझा सकता। जैसा कि बहुत से लोग इस्लाम के पैगंबर (स. अ. व. व.) को खत्म करना चाहते थे, लेकिन अल्लाह का इरादा था कि वह जीवित रहे और अल्लाह के धर्म को बढ़ावा दे।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा हाफिज बशीर नजफी:
अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली (अ.स.) मुसलमानों के लिए एकता और एकजुटता का केंद्र है
हौज़ा / अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली (अ.स.) मुसलमानों के लिए एकता का केंद्र है क्योंकि अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली (अ.स.) के नाम पर सभी मुसलमान सहमत हैं।