हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलकाफी" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال امیرالمومنین علیه السلام
زورُوا مَوتاكُم؛ فإنّهُم يَفرَحُونَ بِزِيارَتِكُم، ولْيَطلُبِ الرَّجُلُ حاجَتَهُ عِندَ قَبرِ أبيهِ واُمِّهِ بعدَ ما يَدعُو لَهُما.
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
अपने मुर्दों की ज़ियारत के लिए जाओ, क्योंकि वह तुम्हारे दर्शन और ज़ियारत से खुश होते हैं इंसान को चाहिए कि वह अपने मां-बाप की कब्र पर इनके लिए दुआ मांगने के बाद खुदा से अपनी हाजत तलब करें
अलकाफी,भाग 3,पेंज 229