۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
बशीर नजफी साहब

हौज़ा / अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली (अ.स.) मुसलमानों के लिए एकता का केंद्र है क्योंकि अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली (अ.स.) के नाम पर सभी मुसलमान सहमत हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, आयतुल्लाहिल उज़्मा हाफ़िज़ बशीर नजफी से साहबज़ादा पीर ख़ालिद सुलतानुल क़ादरि सज्जादा नशीन दरबारे सुलतान बाहू, दीवान अहमद मसूद चिश्ती सज्जादा नशीन दरबारे बाबा फरीद गंज शकर, पीर सैयद हैदर शाह सज्जादा नशीन हजूरे दाएमुल हुजूरी, पीर सिकंदर सुलतान काद़रि, जमातुस्सालेहीन पाकिस्तान के केंद्रीय नाज़िम-ए-आला, पीर सूफ़ी मुहम्मद इकबाल नक़्शबंदी, साहबज़ादा सैयद बिलाल शाह हाशमी, कारी मेहदी हयात नईमी, साहबज़ादा सैयद उमैर शाह और प्रतिनिधिमंडल के अन्य गणमान्य व्यक्ति नजफ अशरफ केंद्रीय कार्यालय में मिले। इस बैठक का उद्देश्य उच्च प्राधिकरण की जिय़ारत था।

इस बैठक में, आयतुल्लाहिल उज़मा हाफिज बशीर हुसैन नजफी ने कहा कि अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली (अ.स.) मुसलमानों के लिए एकता का केंद्र है क्योंकि अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली (अ.स.) के नाम पर सभी मुसलमान सहमत है।

इसके अलावा, सर्वोच्च नेता ने इस बात पर जोर दिया कि एकता का माहौल जैसा कि आपने इराक में और विशेष रूप से शिया धर्म के मुख्य केंद्र नजफ अशरफ में देखा है, पाकिस्तान में बनाने की जरूरत है। आपस मे नफरत और सांप्रदायिकता समाप्त करके भाईचारा और प्यार को रिवाज देने की जरूरत है और पाकिस्तान से मोहब्बत करने का यही तक़ाज़ा है।

वहीं, आए गणमान्य लोगों ने मुसलमानों की एकता की सराहना करते हुए कहा कि इंशाअल्लाह पाकिस्तान में वे इस संदेश को पूरी तरह से पहुंचाएंगे और इस संबंध में अपनी भूमिका भी निभाएंगे।

अंत में, आयतुल्लाहिल उज़्मा ने मुसलमानों की सुरक्षा और एकता के लिए दुआ की और आने वाले प्रतिनिधिमंडल ने आयतुल्लाह को उनके मूल्यवान समय के लिए धन्यवाद दिया।

अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली (अ.स.) मुसलमानों के लिए एकता और एकजुटता का केंद्र है

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