हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:امام علی علیه السلام
إنَّ اللّهَ كَتبَ القَتْلَ على قَومٍ و المَوتَ على آخَرينَ، و كُلٌّ آتِيهِ مَنيّتُهُ كَما كَتَبَ اللّهُ لَهُ ، فطُوبى للمجاهدين في سبيلِهِ، و المقتولينَ في طاعتِهِ.
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
अल्लाह तआला ने एक गिरोह के लिए कत्ल होना और दूसरे गिरोह के लिए मरना मुकद्दर फरमाया हैं,इसलिए अल्लाह तआला ने जिस गिरोह के लिए जैसी मौत मुकर्रर फरमाई है वह इस तक पहुंच जाएगी बस भाग्यशाली है वह लोग जीसने अल्लाह की राह में जिहाद करते हुए और इसकी इबादत करते हुए मौत आ जाए
नहजुल बलाग़ा,182/3