आयतुल्लाह तबातबाई नेजाद (9)
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उलेमा और मराजा ए इकरामहमारी असली ईद इज़राईल के पतन का दिन होगा।आयतुल्लाह तबातबाई नेज़ाद
हौज़ा / इस्फ़हान के इमाम ए.जुमआ आयतुल्लाह सैयद यूसुफ़ तबातबाई नेज़ाद ने कहा है कि हमारी वास्तविक ईद वह दिन होगी जब जायोनी सरकार पूरी तरह से ख़त्म हो जाएगी।
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आयतुल्लाह ताबातबाई निजाद:
उलेमा और मराजा ए इकरामदूसरों की तरक्क़ी या खुशी की ख़ातिर झूठ बोलना या किसी भी गुनाह का इरतेकाब नहीं होना चाहिए।
हौज़ा / आयतुल्लाह सैयद यूसुफ़ ताबातबाई नेजाद ने कहा, जनसंपर्क का काम सिर्फ नगरपालिका के संदेशों को जनता तक पहुँचाना ही नहीं है, बल्कि जनता की बातों को भी मेयर और अन्य ज़िम्मेदारों तक पहुँचाना…
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आयतुल्लाह सय्यद यूसुफ तबातबाई नेजाद:
उलेमा और मराजा ए इकरामकौल व फेल में फर्क तबीयत में रुकावट बनता है/ अगर हम तबीयत करना चाहे तो हमारा अमल भी तबीयत कुनंदा होना चाहिए
हौज़ा / प्रतिनिधि वली-ए-फकीह और इमाम-ए-जुमआ इस्फ़हान ने कहा, अगर इंसान की शिक्षा-दीक्षा न हो, तो वह जानवरों जैसा बन जाता है, जैसा कि इज़राईली शासन बच्चों की हत्या को अपनी सफलता समझता है।
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आयतुल्लाह सय्यद यूसुफ तबातबाई नेजाद:
ईरानक़ौल और फ़ेल में अन्तर प्रशिक्षण में बाधा बन जाता है, यदि हम प्रशिक्षण चाहते हैं तो हमारा अमल भी प्रशिक्षण करने वाला होना चाहिए
हौज़ा / सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि और इस्फ़हान के इमाम जुमा ने कहा: यदि कोई व्यक्ति शिक्षित नहीं है, तो वह जानवर बन जाता है, ठीक उसी तरह जैसे ज़ायोनी शासन बच्चों की हत्या को अपनी सफलता मानता…
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इस्फ़हान में वली ए फकीह के प्रतिनिधि:
उलेमा और मराजा ए इकरामदूसरों का मार्गदर्शन और प्रबंधन करने के लिए सबसे पहले खुद का निर्माण करना आवश्यक है
हौज़ा /आयतुल्लाह तबातबाई नेज़ाद ने हज़रत अली अ.स. की एक रिवायत का हवाला देते हुए कहा,जो व्यक्ति दूसरों का मार्गदर्शन करने वाला और शिक्षक बनना चाहता है उसे सबसे पहले खुद को सुधारना चाहिए और फिर…
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आयतुल्लाह तबातबाईः
ईरानधार्मिक स्कूलो में क़ुरआन कंठस्थ करने और विशेष विषयो को मजबूत करने की आवश्यकता है
हौज़ा / इस्फ़हान के हौज़ा इल्मिया के निदेशक ने पादरी वर्ग के बौद्धिक और धार्मिक स्तर को बढ़ाने में धार्मिक शिक्षा के महत्व और प्रभावी प्रबंधन की भूमिका पर प्रकाश डाला और कुरान कंठस्थ करने धार्मिक…
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उलेमा और मराजा ए इकरामनमाज़ तमाम आमाल से अफज़ल हैः आयतुल्लाह तबातबाई नेज़ाद
हौज़ा / इस्फ़हान के इमामे जुमआ ने कहा कि ईमान के बाद अल्लाह का सबसे महत्वपूर्ण हुक्म नमाज़ है जो इंसान के तमाम आमाल में सबसे ऊंचा मुकाम रखती है।
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इमाम जुमा इस्फ़हान:
ईरानजिहाद और युद्ध के मैदान में उपस्थित रहना इस्लाम का हिस्सा है
हौज़ा/ आयतुल्लाह सय्यद यूसुफ तबातबाई नेज़ाद ने ईश्वर की राह में बलिदान को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि हमें इस भावना को अपने भीतर मजबूत करना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि गलत निर्णय…