क़यामत (15)
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दिन की हदीसः
धार्मिकक़यामत के दिन के लिए निवेश
हौज़ा/ इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक रिवायत में मोमिन की ख़िदमत के महत्व को इंगित किया है।
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आयतुल्लाह जवादी आमोलीः
उलेमा और मराजा ए इकरामक़यामत अभी मौजूद है; कोई भविष्य का वादा नहीं
हौज़ा /जहन्नम और जन्नत एक तरह की जांच-पड़ताल हैं। अगर जांच हो गई तो कोई यह नहीं कह सकता कि मैंने चुपके से मंजूरी दी; किसी से मत कहना या अब तुम हमारे दोस्त हो तो टैक्स कम कर दो! कोई बहुत भोला…
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दिन की हदीसः
धार्मिकक़यामत के दिन के लिए सरमाया
हौज़ा / इमाम रज़ा (अ) ने एक रिवायत में दूसरों की मदद करने के उखरवी सवाब की ओर इशारा किया है।
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दिन की हदीसः
धार्मिकक़यामत मे नही रोने वाली तीन आंखें
हौज़ा / इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) ने एक हदीस में तीन आँखों का उल्लेख किया है जो क़यामत के दिन नहीं रोएँगी।
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दिन की हदीसः
धार्मिकमुझे हज़रत अली बिन मूसा अल-रज़ा (अ) के ज़ाएरीन में दिलचस्पी है
हौज़ा /इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने अपनी एक रिवायत में अपनी क़ब्र की ज़ियारत का सवाब बयान किया है।