हौज़ा /जहन्नम और जन्नत एक तरह की जांच-पड़ताल हैं। अगर जांच हो गई तो कोई यह नहीं कह सकता कि मैंने चुपके से मंजूरी दी; किसी से मत कहना या अब तुम हमारे दोस्त हो तो टैक्स कम कर दो! कोई बहुत भोला…
हौज़ा / इमाम रज़ा (अ) ने एक रिवायत में दूसरों की मदद करने के उखरवी सवाब की ओर इशारा किया है।
हौज़ा / इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) ने एक हदीस में तीन आँखों का उल्लेख किया है जो क़यामत के दिन नहीं रोएँगी।
हौज़ा /इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने अपनी एक रिवायत में अपनी क़ब्र की ज़ियारत का सवाब बयान किया है।