बिहार उल-अनवार किताब (16)
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धार्मिकअगर ज़ुल्म, ज़ुहूर का ज़मीना है, तो फ़िर उससे जंग क्यो
हौज़ा / ज़ुल्म और इमाम ज़ामाना (अ) के ज़ुहूर के बीच हमेशा चर्चा होती रही है। क्या ज़्यादा ज़ुल्म, ज़ुहूर के लिए ज़मीना साज़ है, या फिर ये इस बात का मतलब है कि इंसान को और तैय्यार होना चाहिए ताकि…
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दिन की हदीसः
धार्मिकग़लती करने वाले को माफ़ी मांगने का समय दो
हौज़ा / इमाम हसन मुज्तबा (अ) ने अपने ज्ञानपूर्ण शब्दों में ग़लती करने वाले को माफ़ करने और उसे माफ़ी मांगने का समय देने पर ज़ोर दिया है।
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दिन की हदीसः
धार्मिकआयु और जीवन बढ़ाने का तरीक़ा
हौज़ा / हज़रत इमाम हुसैन (अ) ने एक रिवायत में सिले रहम बनाए रखने के महत्व को समझाया है।
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दिन की हदीसः
धार्मिकहलाल जीविका का महत्व
हौज़ा/ पैग़म्बर (स) ने एक परंपरा में इबादत के सबसे महत्वपूर्ण तत्वों का वर्णन किया है।
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दिन की हदीसः
धार्मिकसच्ची कंजूसी क्या है?
हौज़ा / इमाम हसन मुज्तबा (अ) ने एक रिवायत में कंजूसी की परिभाषा बताई है।
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आदर्श समाज की ओर (इमाम महदी अलैहिस्सलाम से संबंधित श्रृंखला) भाग - 2
धार्मिकइमाम की ज़रूरत क्या है?
हौज़ा / शिया मत का मानना है कि अल्लाह के बंदों के मार्गदर्शन का सिलसिला पैग़म्बरों, ख़ासकर हज़रत मुहम्मद (स) के बाद, "इमामत" के ज़रिए जारी रहा है। ज़मीन कभी भी अल्लाह के ख़लीफ़ा (इमाम) से ख़ाली…
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दिन की हदीसः
धार्मिकआलामीन के लिए रहमत
हौज़ा / हज़रत इमाम महदी (अ) ने एक रिवायत में इस्लाम के पवित्र पैगम्बर (स) के मिशन का कारण बताया है।
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दिन की हदीसः
धार्मिकअज्ञानी के मौन का फल
हौज़ा / हज़रत इमाम जवाद (अ) ने एक रिवायत में अज्ञानी की चुप्पी पर जोर दिया है।