हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "बिहार उल अनवार" पुस्तक ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है।
قال الامام الحسن علیه السلام:
لا تُعاجِلِ الذَّنبَ بِالعُقوبَةِ، وَ اجعَل بَينَهُما لِلاعتِذارِ طَريقا.
इमाम हसन मुज्तबा (अ) ने फ़रमाया:
ग़लती की सज़ा देने में जल्दबाज़ी न करें, बल्कि ग़लती और सज़ा के बीच माफ़ी मांगने के लिए समय दो।
बिहार उल अनवार, भाग 78, पेज 115, हदीस 11
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