सफरे इमाम हुसैन (अ.स.)
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दिन की हदीस:
बहुत बड़ी शराफत और फज़ीलत
हौज़ा/हज़रत इमाम हसन अ.स. ने एक रिवायत में बहुत बड़ी शराफत और फज़ीलत की ओर इशारा किया हैं।
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नजफ अशरफ में मोअस्सेसा ए इमाम मूसा बिन जफर (अ) द्वारा एक मजलिसे अजा का आयोजन
हौज़ा / जामिया इमाम अमीरुल मोमिनीन (अ) नजफी हाउस के छात्रों के साथ माननीय खतीब हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद अली अब्बास (उम्मीद आज़मी) की मजलिस अज़ा के बैठक मुलाकात।
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मौलवी मुहम्मद अमीन रास्ती:
आज मानव समाज को समस्याओं से मुक्ति के लिए मकतबे आशुरा की आवश्यकता है
हौज़ा / ईरान के शहर सनंदज के अहले सुन्नत इमाम जुमा ने कहा: आज हमारे समाज को कठिनाइयों से छुटकारा पाने के लिए मकतबे आशुरा की जरूरत है, इसलिए छात्रों और विद्वानों ने इन दिनों में जो सबसे महत्वपूर्ण काम किया है वह है सच्चा इस्लाम और विशेष रूप से इमाम हुसैन के विभिन्न पहलू के प्रवास का वर्णन किया जाना है।
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:दिन की हदीस
अल्लाह तआला की शुद्ध तपस्या का फल
हौज़ा/ हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में अल्लाह तआला की शुद्ध तपस्या के फल की ओर इशारा किया हैं।
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हज़रत ज़ैनब (स.अ.) ने कर्बला की घटना को उजागर करने और जीवित रखने में महत्वपूर्ण और मौलिक भूमिका निभाई: मौलाना जाकिर हुसैन जाफ़री
हौज़ा / हज़रत ज़ैनब (स.अ.) ने कर्बला की घटना को उजागर करने और जीवित रखने में महत्वपूर्ण और मौलिक भूमिका निभाई। कूफा और शाम के दरबारो मे कुरआनी आयात पर निर्धारित आलेमाना बयान आपकी बोद्धिक शक्ति का प्रमाण और आपकी फसाहत व बलागत का मुहं बोलता सबूत है।
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:दिन की हदीस
हज़रत ज़ैनब (स.ल.)पर रोने का सवाब और मकाम
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में हज़रत ज़ैनब (स.ल.)पर रोने के सवाब और मकाम की ओर इशारा किया हैं।
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हज़रत फातेमा ज़हेरा स.ल. कि शहादत पर रौज़ा ए मुबारक इमाम हुसैन अ.स. और हज़रत अब्बास अ.स.के खादिमों का पुरसा
हौज़ा/ हरम के खादिम का एक जुलूसे अज़ा रौज़ा ए मुबारक हज़रत अब्बास अ.स.से बरामद किया गया और बैनुलहरमैन से होकर गुज़रा और इमाम हुसैन अ.स. को रौज़ाये मुबारक में पहुंचा,और जुलूस के अत:में मजलिस हुई
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:दिन की हदीस
हज़रत इमाम हसन(अ.स.) और माहे रमजानुल मुबारक
हौज़ा / हज़रत इमाम हसन(अ.स.) ने एक रिवायत में माहे रमजानुल मुबारक कि अज़मत की ओर इशारा किया है
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इमाम हुसैन (अ.स.) और हज़रत अब्बास (अ.स.) के हरम की फूलो से सजावट
हौज़ा / शबान के धन्य और शुभ महीने के करीब आते ही रोजे के खुद्दाम ने इमाम हुसैन (अ.स.) और जनाबे अब्बास (अ.स.) के रोजो को अंदर और बाहर से बैनर, फूलों और पौधों से सजाया।
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इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेताः
आईआरजीसी पूरी ताकत के साथ सक्रिय रहे, आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनेई
हौज़ा / आईआरजीसी गार्ड्स को भेजे अपने संदेश में, सर्वोच्च नेता ने कहा कि उन्हें अपनी गतिविधियों को अपनी पूरी शक्ति से जारी रखना चाहिए।
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बड़गांव घोसी मऊ में 28 वीं रजब को जुलूसे अमारी अपनी पुरानी परंपराओं के साथ निकाला गया
हौज़ा / मौलाना मज़ाहिर हुसैन ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पवित्र पैगंबर (स.ल.व.व) के नवासे हज़रत इमाम हुसैन (अ.स.) ने आज ही के दिन मदीना से कर्बला के लिये अपनी यात्रा शुरू की थी। 28 रज़ब सन 60 हिज़री इमाम हुसैन (अ.स.) के कारवां ने मानवता के अस्तित्व और सुरक्षा के लिए अपने महान बलिदान पेशकश किया।
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इस्लामी कैलेंडर: 28 रजबुल मुरज्जब 1442
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडरः पैगंबर (स.अ.व.व.) बहुदेववादियों (मुशरेकीन) की वजह से मक्का से मदीना जाने के लिए मजबूर हुए। तो इमाम हुसैन (अ.स.) को उन मुशरेकीन और पाखंडीयो की संतानो की साजिश के कारण 28 रजब 60 हिजरी को मदीना छोड़कर मक्का और फिर इराक़ की ओर हिजरत करना पड़ी। ये मुशरेकीन और पाखंडीयो की मुशरिक और मुनाफिक संतान ही थी जिन्होने इमाम हुसैन (अ.स.) को शहीद करके कहाः काश बदर मे मार दिए गए हमारे पूर्वज आज जीवित होते और मेरे इस काम को देखते हुए कहते तेरे हाथ सलामत रहे।