हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, करबला / शबान के धन्य और शुभ महीने के करीब आते ही रोजे के खुद्दाम ने इमाम हुसैन (अ.स.) और जनाबे अब्बास (अ.स.) के रोजो को अंदर और बाहर से बैनर, फूलों और पौधों से सजाया।। हरम का हर हिस्सा शाबान की खुशियों को सैलूट मारता हुआ दिखाई देता है। नीचे की तस्वीरों में आप हरम की सजावट के कुछ दृश्य देख सकते हैं।
शबान का महीना भी अहलैबेत (अ.स.) की खुशियों से भरा होता है। अहलैबेत (अ.स.) के विभिन्न प्रख्यात व्यक्तित्वों के जन्म का उत्सव और विभिन्न धार्मिक अवसर इस महीने में होते हैं।
शाबान महीने के दूसरे दिन, हिजरत के दूसरे वर्ष में रोजे के वजूब का हुक्म आया।
शाबान के तीसरे दिन, हिजरत के चौथे वर्ष में, इमाम हुसैन (अ.स.) का जन्म हुआ और फ़रिश्ते इमाम हुसैन के जन्म पर पैगंबर (स.अ.व.व.) को बधाई देने के लिए आए।
हज़रत अब्बास (अ.स.) का जन्म ४ शा’बन २६ हिजरी को था।
हज़रत इमाम ज़ैनुल-आबिदीन (अ.स.) का जन्म 5 शा'बन 38 हिजरी को हुआ और उस दिन हज़रत अमीर-उल-मोमिनीन (अ.स.) ने जंगे जमल जीती थी।
हज़रत अली अकबर (अ.स.) का जन्म 11 वें शाबान 33 हिजरी में हुआ था।
हज़रत इमाम महदी (अ.स.) का जन्म 15 शा'बन 255 हिजरी को हुआ।
शब-ए-क़द्र के बाद शाबान महीने की 15 वीं रात अफ़ज़ल तरीन रात होती है और इसमें इबादत और का बड़ा सवाब रिवायात मे मिलता है।
आनंद और आध्यात्मिकता से भरे इस माहौल में अहलैबेत (अ.स.) के चाहने वाले , हज़रत इमाम हुसैन (अ.स.) और हज़रत अब्बास (अ.स.) के हरम की ज़ियारत करने के लिए तांता लगा हुआ है। हज़रत अब्बास (अ.स.) के हरम के खुद्दाम, तीर्थयात्रियों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने और उनकी सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी सभी ऊर्जा और क्षमताओं को समर्पित कर रहे हैं।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि शाबान के महीने में, इमाम हुसैन (अ.स.) और हज़रत अब्बास (अ.स.) के हरम की ओर से हर साल रबीउस शहादा सांसकृतिक संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है। जिसकी बहुत सारी अदायगी हरम मे की जाती है लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस के कारण पैदा होने वाली स्थिति के चलते इसका आयोजन नही हो रहा है।