हजरत जैनब (स.अ.)
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हज़रत ज़ैनब बिन्ते अली का कर्बला में महान किरदार
हौज़ा/हज़रत ज़ैनब स.ल. शहीदों के ख़ून का संदेश लानी वाली, अबाअब्दिल्लाहिल हुसैन (अ) की क्रांति की सूरमा, अत्याचारियों और उनके हामियों को अपमानित करने वाली, सम्मान, इज़्ज़त, लज्जा, सर बुलंदी और श्रेष्ठता की उच्चतम चोटी पर स्थित महिला का नाम है।
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दिन की हदीस:
हज़रत जैनब स.ल.का मक़ाम और मंज़िलत
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में अकिला बनी हाशिम के मक़ाम और मंजिलात की ओर इशारा किया हैं।
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हज़रत इमाम हुसैन अ.स. द्वारा हज़रत ज़ैनब अ. स.का सम्मान
हौज़ा/हज़रत ज़ैनब अ.स. की फ़िक्र, आपके अक़वाल और आपकी सीरत में अनेक प्रकार के नैतिक गुण पाए जाते थे जिसको इमाम हुसैन अ. के रवैये से समझा जा सकता है, इमाम हुसैन अ.स. जब कभी अपनी बहन से मिलते हमेशा आपका एहतेराम और सम्मान करते, इतिहास में मौजूद है कि, हज़रत ज़ैनब स.ल.अ. जब भी अपने भाई से मिलने जातीं, इमाम हुसैन अ.स. आपके सम्मान में अपने स्थान से खड़े हो जाते, और फिर आपको अपने स्थान पर बिठाते थें,
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इस्लामी कैलेंडरः
5 जमादी अल अव्वल 1445 - 19 नवम्बर 2023
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडरः 5 जमादी अल अव्वल 1445 - 19 नवम्बर 2023
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हज़रत ज़ैनब (स) ने तत्थो को इतिहास के पन्नों की शोभा बना दिया
हौज़ा / हौज़ा-ए-इलमिया बुशहर ईरान के प्रमुख ने कहा कि हज़रत ज़ैनब (स) वह शख्सियत हैं जिन्होंने निस्वार्थता और इंसानियत की शिक्षा दी और अगर वह न होती तो कर्बला का पैगाम कहीं नहीं पहुँचता, क्योंकि मीडिया ऐसा था कर्बला आंदोलन को आसानी से एक अलग कोण से पेश किया जा सकता था, लेकिन हज़रत ज़ैनब (स) ने इतिहास के पन्नों पर तथ्यों को अलंकृत किया।
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हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन गुलाम रज़ा देहक़ान:
हज़रत ज़ैनब (स) ने अपने ज़माने की शंकाओं का जवाब दिया है
हौज़ा / खाश, ईरान के इमाम जुमा ने कहा: हज़रत ज़ैनब (स) वैज्ञानिक समस्याओं को हल करने के लिए कड़ी मेहनत करती थीं। आपने अपने समय की शंकाओं का उत्तर दिया और उसे "आबेदा आले अली (अ)" की उपाधि से याद किया गया।
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जब बड़ी हस्तियां हिचकिचाहट का शिकार थीं हज़रत ज़ैनब ने ठोस फ़ैसला लिया
हौज़ा/हज़रत ज़ैनब एक अज़ीम ख़ातून हैं हज़रत ज़ैनबे कुबरा की अहमियत व अज़मत, अल्लाह के फ़रीज़े के मुताबिक़ आपकी अज़ीम इस्लामी व इंसानी तहरीक की वजह से हैं।
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आशूराई संस्कृति में, "हिजाब" महिलाओं का सबसे अच्छा हथियार है
हौज़ा / युवा पुरुषों और किशोर लड़कियो के लिए ईरान के फ़ाज़िलाबाद में "आशूराई महिलाओं की नैतिकता और आचरण" पर एक भव्य सम्मेलन आयोजित किया गया।
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रोज़ा हज़रत अब्बास (अ.स.) की ओर से हज़रत ज़ैनब (स.अ.) की सालाना मजलिस का आयोजन
हौज़ा / अध्यक्ष और निदेशक मंडल के सदस्य जवाद अल-हसनवी मैं विभिन्न सेवा और शोक गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा हूं और इस पवित्र स्थान पर तीन दिवसीय शोक समारोह आयोजित करना भी इन गतिविधियों का एक हिस्सा है।
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इंडिया मुस्लिम छात्रों को स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पहनने की आजादी देना केंद्र और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है: मौलाना अब्बास बाक़री
हौज़ा / आंध्र प्रदेश शिया उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष, सरकार काजी: चूंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, हमें धार्मिक स्वतंत्रता है, इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे स्कूलों और कॉलेजों में मुस्लिम लड़कियों की रक्षा करें। उन्हें स्कूल ड्रेस कोड के साथ हिजाब पहनने की अनुमति देते हुए फासीवादी ताकतों को अनुमति देकर आतंकवाद करने से रोकें।
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हज़रत ज़ैनब (स.अ.) ने कर्बला की घटना को उजागर करने और जीवित रखने में महत्वपूर्ण और मौलिक भूमिका निभाई: मौलाना जाकिर हुसैन जाफ़री
हौज़ा / हज़रत ज़ैनब (स.अ.) ने कर्बला की घटना को उजागर करने और जीवित रखने में महत्वपूर्ण और मौलिक भूमिका निभाई। कूफा और शाम के दरबारो मे कुरआनी आयात पर निर्धारित आलेमाना बयान आपकी बोद्धिक शक्ति का प्रमाण और आपकी फसाहत व बलागत का मुहं बोलता सबूत है।
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हज़रत ज़ैनब (स.अ.) मानवता के लिए एक आदर्श, मौलाना सैयद अली हाशिम आबिदी
हौज़ा / जिस तरह मक्का के अशांत वातावरण में पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) की साथी खदीजा थी, उसी तरह कर्बला की घटना में इमाम हुसैन (अ.स.) और इमाम सज्जाद (अ.स.) की साथी, रहस्यपाठी और उद्देश्य की रक्षक एंवम प्रचारिका हज़रत ज़ैनब (स.अ.) थी।
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हज़रत ज़ैनब (स.अ.) एक आदर्श उदाहरण हैं
हौज़ा / मुस्लिम महिलाओं के लिए घर के माहौल और परिवार से लेकर सामाजिक, राजनीतिक और नैतिकता के मामले में हज़रत ज़ैनब (स.अ.) एक आदर्श उदाहरण हैं।
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अगर ज़ैनब बिन्ते अली न होती तो ग़दीर की तरह कर्बला भी भुला दी जाती : मौलाना वसी हसन खान
हौज़ा/ सलाम हो उस बीवी पर जिसने कर्बला की कुर्बानी के संदेश को इमाम हुसैन की शहादत के बाद दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाया
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हज़रत ज़ैनब (स.अ.) की ज़रीह पर अफ़रीज़ का काम पूरा कर लिया गया + फ़ोटो
हौज़ा / रोज़ा ए मुबारक हज़रत अब्बास (अ.स.) के ज़रीह और अबवाब साज़ी सैक्शन ने हज़रत ज़ैनब (सअ.) की नई ज़रीह के ऊपरी हिस्से में एक नक्काशीदार अफ़रीज़ (अल-कलवी) नस्ब की है जो कि मामूली बदलाव के साथ मौजूदा जरीह के समान है।