۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
हज़रत ज़ैनब

हौज़ा/हज़रत ज़ैनब एक अज़ीम ख़ातून हैं हज़रत ज़ैनबे कुबरा की अहमियत व अज़मत, अल्लाह के फ़रीज़े के मुताबिक़ आपकी अज़ीम इस्लामी व इंसानी तहरीक की वजह से हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत ज़ैनब एक अज़ीम ख़ातून हैं इस अज़ीम ख़ातून को मुस्लिम क़ौमों में जो अज़मत हासिल है वह किस वजह से है?
यह नहीं कहा जा सकता कि इसलिए है कि आप हज़रत अली की बेटी या इमाम हुसैन या इमाम हसन अलैहिमुस्सलाम की बहन हैं। रिश्ते ऐसी अज़मत का सबब नहीं बन सकते। हमारे सभी इमामों की माएं और बहनें थी, लेकिन हज़रत ज़ैनब के जैसा कौन है?


हज़रत ज़ैनबे कुबरा की अहमियत व अज़मत, अल्लाह के फ़रीज़े के मुताबिक़ आपकी अज़ीम इस्लामी व इंसानी तहरीक की वजह से है। इस अज़मत का एक हिस्सा यह है कि आपने पहले हालात को पहचाना, इमाम हुसैन अलैहिस्सालम के कर्बला जाने से पहले के हालात को भी आशूर के दिन संकटमय हालात को भी और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत के बाद के हौलनाक हालात को भी पहचाना और फिर हर मौक़े के लिए मुनासिब क़दम को चुना इसी तरह के फ़ैसलों से हज़रत ज़ैनब की शख़्सियत बनी।
कर्बला रवाना होने से पहले इब्ने अब्बास और इब्ने जाफ़र जैसी इस्लाम के आग़ाज़ की मशहूर हस्तियां जो फ़िक़्ह की महारत, बहादुरी और नेतृत्व की दावेदार थी, फ़ैसला न कर पाने की हालत का शिकार थीं, यह न समझ सकीं कि उन्हें क्या करना चाहिए।
लेकिन हज़रत ज़ैनब तज़बज़ुब का शिकार नहीं हुयीं और आप समझ गयीं कि आपको उस रास्ते को चुनना चाहिए और अपने इमाम को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए और आप गयीं। ऐसा नहीं था कि आप न समझती हों कि यह रास्ता बहुत सख़्त हैं।

आप दूसरों से बेहतर इस बात को महसूस कर रही थीं। आप एक औरत थीं। आप एक ऐसी ख़ातून थीं जो अपने फ़रीज़े को अंजाम देने के लिए अपने शौहर और घरवालों से दूर हो रही थीं। इसी बिना पर अपने छोटे बच्चों के अपने साथ लिया। आप अच्छी तरह महसूस कर रही थीं कि कितनी बड़ी घटना सामने है।

इमाम ख़ामेनेई,

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