बुधवार 29 सितंबर 2021 - 21:52
अगर ज़ैनब बिन्ते अली न होती तो ग़दीर की तरह कर्बला भी भुला दी जाती  : मौलाना वसी हसन खान

हौज़ा/ सलाम हो उस बीवी पर जिसने कर्बला की कुर्बानी के संदेश को इमाम हुसैन की शहादत के बाद दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाया

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , अगर हज़रत अली  अ.स. की बेटी जनाबे ज़ैनब इमाम हुसैन के साथ ना होती तो कर्बला की घटना को ग़दीर की तरह भुला दिया जाता। मौलाना वसी हसन खान अमरोहा के दरबारे शाहे विलायत में इसाले सवाब कि एक मजलिस को संबोधित करते हुए कहां कि सलाम हो उस बीवी पर जिसने कर्बला की कुर्बानी के संदेश को इमाम हुसैन की शहादत के बाद दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाया


मौलाना वशी हसन खान ने बयान किया कि हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने वक्त का बादशाह यज़ीद कि बैयत इमाम ने क्यों नहीं की क्योंकि यज़ीद
वह इस्लाम के मूल सिद्धांतों को नष्ट करने पर तुला हुए था, लेकिन नबी के नवासे को यह मंज़ूर नहीं था कि उनके नाना के दीन को मिटाने की कोशिश की जाए


डॉ अज़ीम अमरोही की पहली वर्षगांठ के अवसर पर मजलिसे इलासे सवाब का आयोजन किया गया था।
डॉ अज़ीम अमरोही एक शायेर और बेहतरीन मरसिया पढ़ते थे उनकी पहली वर्षगांठ के अवसर पर शोक समारोह में बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की और उनके प्रति अपने प्यार का इज़हार किया।

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