۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
وسیم رضوی

हौज़ा/ वसीम रिज़वी को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई और याचिका खारिज की, क़ुरआने मजीद की 26 आयतों कोआतंकवाद से जोड़ कर उन्हें क़ुरआन से हटाने के आग्रह वाली याचिका को उच्चतम न्यायालय ने ख़ारिज कर दिया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,भारत में क़ुरआने मजीद की 26 आयतों को आतंकवाद से जोड़ कर उन्हें क़ुरआन से हटाने के आग्रह वाली याचिका को उच्चतम न्यायालय ने ख़ारिज कर दिया है।

इस मामले में शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता और यूपी शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज़वी पर 50 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। रिज़वी ने अपनी याचिका में कहा था कि क़ुरआन की इन 26 आयतों में ग़ैर मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हिंसा और उनकी हत्या को प्रेरित करने वाली बातें हैं। उच्चतम न्यायालय के जस्टिस रोहिंटन एफ़. नरीमन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि यह याचिका विचार करने योग्य नहीं है। पीठ में जस्टिस बी.आर. गवई और ऋषिकेष रॉय भी शामिल थे।
वसीम रिज़वी ने अपनी याचिका में कहा था कि आतंक को बढ़ावा देने वाली इन आयतों को हटाया जाना चाहिए ताकि आतंकी गतिविधियों से मुस्लिम समुदाय का नाम न जुड़ सके। उन्होंने अपनी याचिका में यह भी कहा था कि इन आयतों से देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को ख़तरा है। पिछले महीने रिज़वी की तरफ़ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल करने के बाद राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया था। आयोग ने अपने नोटिस में वसीम रिज़वी द्वारा क़ुरआने मजीद के ख़िलाफ़ दायर की गई जनहित याचिका पर नाराज़गी ज़ाहिर की थी।वसीम रिज़वी से बिना शर्त माफ़ी मांगने और अपना बयान वापस लेने की मांग की थी। इसके अलावा पूरे भारत में मुस्लिम समुदाय ने इस हरकत पर वसीम रिज़वी की कड़ी निंदा की थी और अनेक स्थानों पर उनके ख़िलाफ़ प्रदर्शन भी हुए थे।

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