हौज़ा न्यूज़ एजेंसी, दिल्ली के अनुसार / जनाब अजहर नकवी ने बताया कि ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास जब दिल्ली में शाहे मर्दन दरगाह पहुंचे, तो दिल्ली के मोमेनीन ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। मौलाना ने दरगाह शाहे मर्दा में ज़ोहरैन की नमाज़ अदा की और शबीहे रौज़ो की ज़ियारत की और इमाम जुमा दरगाह शाह मर्दन मौलाना तालिब हुसैन साहिब से भी मुलाक़ात की।
दरगाह शाहे मर्दा में प्रेस के लोगों और सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम यहां इस समय आपसी मतभेदों के लिए नहीं हैं और यहां के मुद्दों को एक साथ सुधारने की जरूरत है, मौलाना कल्बे जवाद साहब से मतभेद होने के बावजूद मै यहां एक ज़ायर की हैसियत से आया हूं मैं यहां किसी समिति की ओर से नहीं आया हूं।
उन्होंने कहा, "दिल्ली से कुछ मोमेनीन ने लखनऊ आकर मुझे वहां की स्थिति की जानकारी दी। इसलिए मैं दरगाह शाह मर्दा पहुंचा और मोमेनीन के सामने अपनी बात रखी।"
मौलाना यासूब अब्बास ने सुझाव देते हुए और राष्ट्र के बीच एकता का सूत्र पेश करते हुए कहा कि दिल्ली के कुछ बुजुर्ग और दोनों समितियों के अधिकारी बैठकर दरगाह शाह मर्दा का स्थायी समाधान खोजें ताकि आपसी शिकायतों और मतभेदों को दूर किया जा और उन्हे समाप्त किया सके।
मौलाना के साथ माजिद मेहदी, आगा मिर्जा, जुल्फिकार अहमद चमन, बशारत अली, सरफराज हुसैन, वसीम जैदी, आदिल ताज़ीयादार, सलमान जैदी, एडवोकेट मुहम्मद अम्मार, मुर्तजा अली, सिकंदर अब्बास नकवी, आदिल अब्बास जलाल और जावेद जैदी थे।