हौज़ा न्यूज़ एजेंसी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, विकसित और समृद्ध देशों में आत्महत्या की दर गरीब देशों की तुलना में काफी अधिक है, जिसका मुख्य कारण बुजुर्गों की देखभाल की कमी है।
क्योंकि इनमें से अधिकांश देश या तो गैर-मुस्लिम हैं या तथाकथित मुसलमान हैं जिनके पास आत्महत्या और इसके कारणों को रोकने के लिए कोई कानून नहीं है।
दूसरी ओर, इस्लाम कहता है कि आत्महत्या को रोकना एक घोर पाप है, और दूसरी ओर, आत्महत्या के कारणों को समाप्त करने के लिए, सामूहिक और पारिवारिक नैतिकता को बताया जहाँ बच्चों, बुजुर्गों, कमजोरों सभी के अधिकारो को बयान किया गया है।
यदि इन पर कार्यान्वयन शुरू हो जाए, तो आत्महत्या सफह ए हस्ती से गायब हो जाएगी।
नैतिकता से अवगत होने के लिए नैतिक पुस्तकों और नैतिकता का उल्लेख करना आवश्यक है।