۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
रौज़ा ए बिन्तुल हुसैन

हौज़ा / कर्बला के शहीदो के चेहलुम के अवसर पर कर्बला के उत्पीड़ित इमाम हुसैन (अ.स.) को श्रद्धांजलि देने के लिए शाम मे इमाम हुसैन (अ.स.) की पुत्रि की दरगाह श्रृद्धालुओ की आस्था का केंद्र बना हुआ है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, दमिश्क/ कर्बला के शहीदो के चेहलुम के अवसर पर कर्बला के उत्पीड़ित इमाम हुसैन (अ.स.) को श्रद्धांजलि देने के लिए शाम मे इमाम हुसैन (अ.स.) की पुत्रि की दरगाह श्रृद्धालुओ की आस्था का केंद्र बना हुआ है।

महिला भक्तों का कहना है कि अरबाईन के मौके पर ज़ियारते इमाम हुसैन के प्रति वफादारी और कर्बला की महानता का प्रतीक है।

इस मौके पर श्रद्धालुओं ने इमाम हुसैन (अ.स.) और उनके साथियों की याद में कर्बला के रेगिस्तान में शोक जताया।

इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के भक्तों ने कहा कि हम अपने शहीदों, महान शहीद जनरल कासिम सुलेमानी को भी याद कर रहे हैं, जिनका नाम हमेशा ऊंचाइयों पर रहेगा।

युवा भक्तों का कहना है कि हम अपनी जान दे देंगे लेकिन हम इस झंडे को नीचे नहीं आने देंगे, हम अरबाईन की इस महिमा को कम नहीं होने देंगे। जब तक हमारी रगों में खून है, चेहलुम इमाम हुसैन (अ.स.) इसी तरह से मनाया जाता रहेगा।

गौरतलब है कि इमाम हुसैन की राह पर चलने वालों का जज्बा इतना खूबसूरत है कि इमाम हुसैन की मासूम बेटी की कब्र पर देखा जा सकता है।

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