۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
अल्लामा मकसूद डोमकी

हौज़ा / कर्बला किसी एक युग के लिए विशिष्ट नहीं है बल्कि हर युग के लोगों की जरूरत है। कर्बला अहले हक़ का स्थायी स्कूल है और इमाम हुसैन (अ.स.) नेक लोगों के इमाम है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मजलिस-ए-वहदत-ए-मुसलमीन पाकिस्तान के केंद्रीय प्रवक्ता अल्लामा मकसूद अली डोमकी ने कर्बला के शहीदो के चेहलुम की मजलिस को संबोधित करते हुए कहा कि कर्बला अहंकार और अत्याचार के सामने डटे रहने के साथ साथ आदमी को निडर बनाती है। जो ज़बाने मौत के डर से सच बोलने से भयभीत थी उन्हे कर्बला वालो ने हिम्मत दी। कर्बला किसी एक युग के लिए विशिष्ट नहीं है बल्कि हर युग के लोगों की जरूरत है। कर्बला अहले हक़ का स्थायी स्कूल है और इमाम हुसैन (अ.स.) नेक लोगों के इमाम है।

उन्होंने कहा कि कर्बला साहस, निस्वार्थता, ईश्वर से प्रेम और सच बोलना सिखाती है। कर्बला के शहीदों के चेहलुम के अवसर पर, इराक सहित दुनिया भर में लाखों अहलेबैत (अ.स.) भक्तों ने उदारता, निस्वार्थता और आतिथ्य जैसे उच्च मानवीय मूल्यों को पुनर्जीवित किया है। आज कर्बला एक वैश्विक क्रांतिकारी आंदोलन बन गया है। कर्बला व्यवस्था जुल्म और अहंकार के लिए मौत की घंटी बन गई है।

उन्होंने कहा कि मानवता की दुनिया का भविष्य बहुत उज्ज्वल है क्योंकि कर्बला के अनुयायी सच्चाई और झूठ की निर्णायक लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं, जिसका नेतृत्व मानवता के रक्षक इमाम महदी (अ.) करेंगे। दरअसल, भगवान का वादा सच है और पृथ्वी पर धर्मी शासन का युग निकट है। 

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