۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
احمد کریمه استاد فقه دانشگاه الازهر مصر

हौज़ा/अहमद करीमा,ऊंचाइयों और श्रेष्ठता को खारिज करते हुए, आशा व्यक्त की कि कोई धर्म ना तो ऊंचा है ना तो नीचा है, जो चीज़ तमाम धर्म में सामान है उस को बढ़ावा देना चाहिए

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जामिये अज़हर मिस्र के अध्यापक प्रोफेसर अहमद करीमा ने कहा कि इस्लामी प्रवचनों में विरोधाभास और मतभेद हैं जिन्हें ठीक किया जाना चाहिए।
इन्हीं में से एक ये हैं,हम मुसलमानों का दावा है कि हम श्रेष्ठ हैं और आख़िरत हमारा ही है, लेकिन यह गलत है।
उन्होंने मिस्र के टीवी चैनल "अलतअस्सा" पर एक कार्यक्रम मैं इस बात का दावा किया है कि हम ऐसे दावे गलत है और हम जैसे ही बार लोग ऐसे हैं जो ख्याल करते हैं कि मुसलमान सबसे बेनज़ीर है।
हम जन्नती हैं हम बख्शे हुए हैं और हम जन्नाती हैं
और ये कि आखिरत सिर्फ मुसलमानों की खेती है यह बहुत गलत दवा है क्योंकि खुदा बंदे आलम ने बहुत सारे मज़हब को कुबूल किया, कुरान पाक में अल्लाह का हुक्म हो रहा है,

(لکم دینکم و لی دین)
तुम्हारा दीन तुम्हारे लिए हमारा दीन हमारे लिए हैं।
ऊंचाइयों और श्रेष्ठता को खारिज करते हुए, आशा व्यक्त की कि कोई धर्म ना तो ऊंचा है ना तो नीचा है, जो चीज़ तमाम धर्म में सामान है उस को बढ़ावा देना चाहिए
जिसके परिणामस्वरूप अहमद करीमा को सामूहिक चैनलों से आलोचना का सामना करना पड़ा, मिस्र के मल्टीमीडिया कार्यकर्ता मुहम्मद नासिर ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा कि:यहूदी और ईसाई भी कहते हैं कि केवल हम ही स्वर्ग में जाएंगे, इसलिए ऐसा दावा केवल हम ही नहीं करते, बल्कि ईश्वर ने भी हमारे दावे की पुष्टि की है।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अहमद करीमा की प्रतिक्रिया मिस्र के पत्रकार इब्राहिम इस्सा के मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अलसीसी की उपस्थिति में आईडी कार्ड से धर्म को हटाने की बात कि थी।

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