हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,कारगिल/अफगानिस्तान में दशकों पहले शुरू हुआ शिया जनसंहार एक बार फिर अपनी क्रूरता साबित कर रहा है।जुमआ के दिन अल्लाह की बारगाह में हाज़िर होने का दिन है जिस दिन जिन्नात और इंसान दोनों अल्लाह की बारगाह में हाज़िर होते हैं।
इस तरह के कायराना हमले हुसैन इब्ने अली मदरसा के छात्रों को डराना, धमकाना और उत्पीड़ित नहीं कर सकते इस तरह के हमलों से मानवता के ये दुश्मन अपनी क्रूरता को उजागर कर रहे हैं।
ऐसे हमलों से मानवता के ये दुश्मन अपनी क्रूरता को लेकिन त्रासदी यह है कि तथाकथित मानवाधिकार
मानवाधिकार संगठनों ने एक आपराधिक चुप्पी बनाए रखी है, जो बेहद निंदनीय है।
अंजुमने साहिबुज़ ज़मान अलैहिस्सलाम करगिल ने हमले की कड़ी निंदा की और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठनों से शिया नरसंहार में शामिल आतंकवादियों पर नकेल कसने का आह्वान किया।
हम इस हमले में मारे गए शहीदों के परिवारों और अफगानिस्तान के पूरे शिया राष्ट्र के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।
समाचार कोड: 373190
9 अक्तूबर 2021 - 19:37
हौज़ा/अंजुमने साहिबुज़ ज़मान अलैहिस्सलाम करगिल ने हमले की कड़ी निंदा की और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठनों से शिया नरसंहार में शामिल आतंकवादियों पर नकेल कसने का आह्वान किया हैं।