۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
علامہ عارف واحدی

हौज़ा/ हमारी अज़ादारी अमन और इत्तेहाद की अलामत है यह रसूल के नवासे का ज़क्र है और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम तमाम उम्माते मुस्लमा के हैं, किसी एक मज़हब से मख्सूस नहीं है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,पाकिस्तान के शिया उलेमा परिषद के नेता अल्लामा आरिफ हुसैन वाहीदी ने एक प्रोग्राम में बयान किया कि तारीखे इस्लाम में उलेमाये शिया की सेवाओं पर विस्तार से रोशानी डाली, उन्होंने धार्मिक सेवाओं और राष्ट्रीय अधिकारों के लिए धार्मिक विद्वानों के संघर्षों और बलिदानों पर चर्चा की।इसके अलावा, कायदे मिल्लत जाफरिया पाकिस्तान को अल्लामा सैय्यद साजिद नक़वी का सलाम लोगों तक पहुंचाया

अल्लामा आरिफ हुसैन वाहीदी ने हज़रत आयतुल्लाह अल्लामा मुहम्मद हुसैन नजफी की धार्मिक सेवाओं की सराहना की
और कायेदे मिल्लते जफारिया के नेतृत्व में उम्माते मुस्लिम  की एकता और एकता के लिए अब तक जितने भी प्रयास हुए हैं उन सब की मुबारकबादी पेश हो रही है। उन्होंने उस चीज पर भी रोशनी डाली जो अज़ादारी और जुलूस के खिलाफ हो रही थी मुसलसल रुकावटओ के बाद भी अज़ादारी में कोई कमी नहीं आई
उन्होंने कहा कि 1400 वर्षों से लगातार मजलिसों के खिलाफ साजिश हो रही है, लेकिन अजादारी में कोई कमी नहीं आना इस बात की दलील है कि यह इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और कर्बला वालों का मिशन है जो आगे बढ़ते जा रहा है।
और जितनी अधिक बाधाएँ इस्लाम के मार्ग में आड़े आती हैं, उतनी ही उसके विरुद्ध षडयंत्र रचे जाते हैं, उतना ही शोक उत्पन्न होता है और हर रोज़ अज़ादारी बढ़ती ही जा रही है,
लेकिन हम मौजूदा हुकूमत से कहना चाहते हैं कि हमारी अज़ादारी अमन और इत्तेहाद की अलामत है यह रसूल के नवासे का ज़क्र है और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम तमाम उम्माते मुस्लमा के हैं, किसी एक मज़हब से मख्सूस नहीं है।
 

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .