۱۰ مهر ۱۴۰۳ |۲۷ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Oct 1, 2024
হুজ্জাতুল ইসলাম জনাব মেহেদী মাহদাবীপুর

हौज़ा/हुज्जतुल इस्लाम मौलाना आकाये मेंहदी मेंहदावीपुर प्रतिनिधि वाली फक़ीह हिंदुस्तान ने सभा को संबोधित किया आप ने अल्लामा की तुलना हबीब इब्ने मज़ाहिर से की, और कहा कि इमाम हुसैन (अ.स.) ने हबीब इब्ने मज़ाहिर को रज़ुले फक़ीह करार दिया था,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हिंदुस्तान के मशहूर अलमेंदीन और खतीब अल्लामा इब्ने अली वाईज़ र.ह. की मजलिसे चेहलुम उनके पैतृक शिया नगर रेजिमेंट, हापुड़ जिले में आयोजित किया गया था। प्रोग्राम की शुरुआत क़ुरआने करीम से हुई उसके बाद अलग-अलग उलेमा ने अल्लामा के व्यापक व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर रोशानी डालते हुए उन्होंने उनके व्यक्तित्व को अपना उदाहरण बताया मौलाना सैय्यद सईदुल हसन नक़वी ने मौलाना को अद्वितीय गुणों वाला एक अद्वितीय शिक्षक और संरक्षक बताया और उनकी सेवाओं की सराहना की।
मौलाना कुमैल असगर जै़दी ने कहा कि अल्लामा इब्ने अली वईज़ एक बेमिसाल गुरु और शिक्षक होने के साथ-साथ बा कमाल शख्सियत के मालिक थे, आप एक आलिमे बा अमल तो दूसरी तरफ बेहतरीन प्रिंसिपल थे, इसके बाद हुज्जतुल इस्लाम मौलाना आकाये मेंहदी मेंहदावीपुर प्रतिनिधि वाली फक़ीह हिंदुस्तान ने सभा को संबोधित किया आप ने अल्लामा की तुलना हबीब इब्ने मज़ाहिर से की, और कहा कि इमाम हुसैन (अ.स.) ने हबीब इब्ने मज़ाहिर को रज़ुले फक़ीह करार दिया था,
मजलिस के आखिर में नुमाइंदे वाली फक़ीह हिंदुस्तान,ने अल्लामा इब्ने अली वाईज़ के दो प्रकाशित पुस्तकों और खोसुसी रिसाला का प्रचार किया जिसमें बड़ी संख्या में उलिमा और मोमिनीन ने भाग लिया। नमाज़े ज़ोहरैन के बाद मजलिस का प्रोग्राम हुआ जिसमें मौलाना नाज़िम अली वईज़ ने खिताब किया, मौलाना ने अल्लामा के जीवन के ऊपर रोशनी डाली और उनके अख्लाक को बयान करते हुए कहां की एक बेहतरीन अध्यापक से हम लोग मेहरूम हो गए इस मजलिस में बड़ी तादाद में मोमिनीन ने शिरकत की,

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