۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
مولانا کلب جواد نقوی

हौज़ा/ मौलाना इब्ने अली साहब एक बाकमाल आलिम, बेहतरीन शायर और अदीब होने के साथ साथ एक अद्वितीय उपदेशक थे। उनका निधन देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मौलाना इब्ने अली साहब एक बाकमाल आलिम, बेहतरीन शायर और अदीब हौने के साथ साथ एक अद्वितीय उपदेशक थे। उनका निधन देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती।
प्रसिद्ध धार्मिक विद्वान और शिक्षक हुज्जतुल-इस्लाम मौलाना इब्ने अली साहिब के निधन पर, भारतीय उलेमा परिषद के सभी सदस्यों ने अपना दुख व्यक्त किया। मौलाना के परिवार और रिश्तेदारों की सेवा में संवेदना व्यक्त की।
मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के इमाम बारगाह गुफरान मआब के कार्यालय में स्वर्गीय मौलाना की आत्मा के लिए फतेहा ख़ानी की गई। उस मौके पर कार्यालय के काम करने वाले भी मौजूद थे।

इस दु:खद अवसर पर मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने शोक संदेश जारी करते हुए कहा कि मौलाना इब्ने अली साहब का निधन देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती।

उन्होंने कहा कि स्वर्गीय मौलाना का पूरा जीवन आले मोहम्मद के ज्ञान और शिक्षाओं के उपदेश में बीता। दिवंगत मौलाना एक बहुत ही विनम्र, रचनात्मक और दयालु व्यक्ति थे।
मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि मौलाना इब्ने अली साहब (त.स.) विभिन्न क्षेत्रों के बेहतरीन शहसवार थे।

मौलाना स्वर्गीय हज़रत दिलदार अली गुफरान मआब के प्रधानाचार्य भी रहे। वह छात्रों के प्रति बहुत दयालु थे।
इमाम ज़माना (अ.त.फ.श.) की ख़िदमत मे मौलाना के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं। और अल्लाह ताला से दुआ करते हैं कि मरहूम की मगफिरत फरमाए और उनके दरजात को बुलंद फरमाए और उनके परिवार वालों को सब्र अता करें।

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .