हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर / जमीयत उलेमा-ए-पाकिस्तान के केंद्रीय अध्यक्ष "सवाद आज़म" पीर सैयद मोहम्मद महफूज मशहदी ने मौलवी अब्दुल अजीज के उस बयान की कड़ी निंदा की है जिसमें उन्होंने यज़ीद पलिद को अमीरूल मोमेनीन और रहमतुल्लाह अलैह से याद किया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे अज्ञानी दरबारियों के यज़ीदी विचार हैं, जिनका इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे शरारती तत्व शापित यज़ीद की रक्षा करना चाहते हैं लेकिन सुन्नी ऐसे लोगों की नापाक साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे।
पीर महफूज मशहदी ने कहा कि मौलवी अब्दुल अजीज ने यजीद के समर्थन में बयान देकर मुसलमानों का दिल दुखाया है। यज़ीद अहलेबैत का हत्यारा है और इस्लाम को बदलने वाला है, इस पर कोई मुसलमान नरम गोशा नहीं रख सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग यज़ीद अमीरुल मोमेनीन और रहमतुल्लाह अलैह कहते हैं, वे अहल-ए-सुन्नत नहीं हो सकते। यज़ीद श्राप का पात्र हैं रहमातुल्लाह अलैह कैसे हो सकता है। इस्लाम नाम है अहलेबैत और असहाब का। यज़ीद आली मकाम इमाम हुसैन (र.अ.त.) का हत्यारा और दीने मोहम्मदी विद्रोही है।
उन्होंने मौलवी अब्दुल अजीज के बयान की कड़ी निंदा की और सरकार से ऐसे शरारती तत्वों पर अंकुश लगाने की मांग की। देश किसी भी सांप्रदायिकता को बर्दाश्त नहीं कर सकता। ये लोग असल में यज़ीद के काले कामों को छुपाकर उसे पवित्र करना चाहते हैं। यज़ीद गंदा है, उसे पवित्र नहीं बनाया जा सकता।
इस्लाम में तानाशाही के लिए कोई जगह नहीं है, यज़ीद अपनी तानाशाही से इस्लाम के पारदर्शी चेहरे को विकृत करना चाहता था। नवासा रसूल ने यज़ीदी तानाशाही का पर्दाफाश करके अपने नाना के धर्म को बचाया है।