۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
ننکانہ صاحب میں سیرتِ امام علی (ع) امن کانفرنس

हौज़ा / एम डब्लयू एम के उप महासचिव अल्लामा सैयद अहमद इकबाल रिज़वी ने कहा कि पैग़म्बर (स.अ.व.व.) के बाद मुस्लिम उम्माह के बीच एकता का केंद्र, अगर कोई है, तो अमीरुल-मोमेनीन हज़रत अली (अ.स.)हैं। इस्लामी दुनिया के सामने आने वाली सभी समस्याओं और कठिनाइयों का हल सीर-ए- अली (अ.स.) के अनुसरण में है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, मजलिस-ए-वहदत मुस्लेमीन के अंतर्गत वार बर्टन जिला ननकाना साहब में मोलूदे काबा के जन्मदिवस के उपलक्ष मे सीर-ए-इमाम अली (अ.स.) एक शांति सम्मेलन आयोजित किया गया। एम डब्लयू एम के उप महासचिव अल्लामा सैयद अहमद इकबाल रिज़वी ने सम्मेलन मे सम्मिलित होकर प्रतिभागीयो को संबोधित किया। शिया सुन्नी विद्वानों और गणमान्य लोगों सहित सभी विचार धारा के स्कूलो के लोगों ने इस सम्मेलन में भाग लिया।

ननकाना साहब में सिरा-ए-इमाम अली (अ.स.) शांति सम्मेलन, शिया-सुन्नी सहित सभी विचार के स्कूलों की भागीदारी

सभा को संबोधित करते हुए अल्लामा सैयद अहमद इकबाल रिज़वी ने कहा कि इमाम अली की जीवनी में कई पहलू हैं। मौला-ए-कायनात की शख्सियत (ब्रह्मांड के भगवान का व्यक्तित्व) प्रत्येक वर्ग से संबंध रखने वाले लोगो के लिए एक मार्ग दर्शन है। अमीरुल मोमेनीन की व्यक्तित्व मे अल्लाह का सच्चा सेवक, एक जानबाज़ मुज़ाहिद, एक बा अखलाख़ पति, अनाथो का सहारा, एक सफल राजनीतिज्ञ और एक दयालु पिता दिखाई देता है।

ननकाना साहब में सिरा-ए-इमाम अली (अ.स.) शांति सम्मेलन, शिया-सुन्नी सहित सभी विचार के स्कूलों की भागीदारी

उन्होंने कहा  पैग़म्बर (स.अ.व.व.) के बाद मुस्लिम उम्माह के बीच एकता का केंद्र, अगर कोई है, तो अमीरुल-मोमेनीन हज़रत अली (अ.स.)हैं। इस्लामी दुनिया के सामने आने वाली सभी समस्याओं और कठिनाइयों का हल सीरत-ए- अली के अनुसरण करने में निहित है। मुस्लिम आज विनाश की कगार पर हैं, पश्चिमी ताकतें इस्लाम की पहचान को मिटाने का प्रयास कर रही हैं।

ननकाना साहब में सिरा-ए-इमाम अली (अ.स.) शांति सम्मेलन, शिया-सुन्नी सहित सभी विचार के स्कूलों की भागीदारी

ननकाना साहब में सिरा-ए-इमाम अली (अ.स.) शांति सम्मेलन, शिया-सुन्नी सहित सभी विचार के स्कूलों की भागीदारी

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