मंगलवार 16 नवंबर 2021 - 21:35
इस्लाम की पवित्रता का अपमान विशेष रूप से रहमातुल लिल आलामीन का अपमानअसहनीय कृत्य, हुज्जतुल इस्लाम डॉ. अब्बास मेहदी हसनी 

हौज़ा / हम देश की न्यायपालिका से पुरजोर मांग करते हैं कि ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि वे भविष्य में ऐसा जघन्य कृत्य नहीं कर पाऐ जिससे लाखों लोगों के दिलों को चोट पहुंचे और देश की अखंडता दांव पर है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के प्रख्यात धार्मिक विद्वान और शोधकर्ता और हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद अब्बास मेहदी हसनी ने कहा कि दुनिया के जीवित विवेक और पूरी उम्मते मुस्लेमा वसीम मलऊन और उसके हमविचारक इस्लाम और मानवता के दुश्मनो के अक्षम्य अपराध अर्थात नबी ए रहमत की महिमा का अपमान के कारण अत्यंत कष्टदायक है।

उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म दूसरे धर्मों की ईशनिंदा की इजाजत नहीं देता और भारत का संविधान इस तरह के घिनौने और अमानवीय कृत्य पर रोक लगाता है।

"इसलिए, हम देश की न्यायपालिका से गंभीरता से मांग करते हैं कि ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि वे भविष्य में ऐसा जघन्य कृत्य नहीं कर पाऐ जो लाखों लोगों और देश के दिलों को चोट पहुंचाए और भारत की शांति और अखंडता को खतरे में डालता है।

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