۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
نوری

हौज़ा/ डॉक्टर क्लबे सिब्तैन नूरी ने कहा कि मौलाना कल्बे सादिक की अंतिम इच्छा यह थी कि वह लखनऊ में लड़कियों के लिए गर्ल कॉलेज स्थापित करना चाहते थे,यदि सरकार मौलाना डॉ. क्लबे सादिक को श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहती है तो उसकी अंतिम इच्छा को पूरा करें और लड़कियों का कॉलेज स्थापित करें,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के उपाध्यक्ष बुजुर्ग शिया गुरु डॉक्टर कल्बे सादिक 24 नवंबर 2021 में निधन कर गए,हालांकि डॉ. क्लबे सादिक दिवंगत शिया विद्वान थे, लेकिन देश और विदेश की सभी लोग उनका सम्मान करते थे और वह भी लोगों को बहुत ही सम्मान करते थे,
देखते थे।

इसी साल 9 नवंबर को मौलाना कलबे सादिक को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इससे पहले भी सरकार द्वारा पदम भूषण से सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया गया मगर वह लेने से इनकार कर दिए थे, इस बार उनके बेटे मौलाना क्लबे सिब्तैन नूरी ने कहा कि सभी लोगों से सलाह मशविरा करने के बाद यह पुरस्कार लेने का फैसला किया


दुनिया भर के शैक्षिक जगत में मौलाना स्वर्गीय क्लबे सादिक की मृत्यु शोक की लहर थी। देश के बच्चों को शिक्षित करने के लिए मौलाना इतने उपस्थित थे कि उन्हें दूसरा सर सैयद भी कहा जाता था।
उन्होंने लखनऊ में इत्तेहाद कॉलेज की स्थापना की, जो वर्तमान मैं यूनिटी कॉलेज एक प्रसिद्ध हुआ आज हजारों छात्र पड़ रहे हैं,


इसके अलावा मौलाना शिया सुन्नी गठबंधन के लिए सदैव कार्यरत रहे। साथ ही, हिंदू मुस्लिम एकता ने भी सफलता की कोशिश करते रहे यही वजह है कि कुछ वक्त मौलाना को अपने ही समाज के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा, परन्तु मौलाना अपने उद्देश्य से पीछे नही हटें।


मौलाना कल्बे सादिक के बेटे ने सरकार को पदम भूषण के लिए धन्यवाद कहा,समाचार पत्रों के माध्यम से यह भी पता चला है कि उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ में मौलाना क्लब सादिक के नाम पर एक गेट भी बनाएगी और उनके नाम पर एक सड़क का नाम रखेगी, लेकिन इस संबंध में कोई खबर नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार मौलाना क्लब सादिक को श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहती है तो उनकी अंतिम इच्छा पूरी कर दे उनकी आत्मा खुश हो जाएगी,
उन्होंने कहा कि मौलाना क्लबे सादिक की अंतिम इच्छा लड़कियों की आगे की शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करने के लिए लखनऊ में एक बालिका महाविद्यालय की स्थापना करना था। हालांकि, उनकी अंतिम इच्छा अभी भी पूरी नहीं हुई है। इसलिए यूपी सरकार से निवेदन है कि,मौलाना की इस इच्छा को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए और उनकी सच्ची श्रद्धांजलि यही है,
यह ध्यान देने की बात है कि मौलाना क्लबे सादिक का जन्म 1939 में लखनऊ के शैक्षिक परिवार में हुआ था। उन्होंने मदरसे में अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत की थी लखनऊ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से m.a. और पीएचडी की डिग्री हासिल की,

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