हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हैअत ए आइम्मा ए मसाजिद व उलेमा ए इमामिया पाकिस्तान के मरकज़ी डिप्टी जनरल सिक्रेटरी मौलाना सैयद सादिक रजा तकवी ने अल्लामा शहंशाह नक़वी के खिलाफ तकफ़ीरीयो के इशारो पर एफ आर आई दर्ज कराए, इस्लामाबाद दाखिले पर पाबंदी मजलिसे अजा खिताब न करने जैसे मजमूम कामो का च्यन करने पर सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि ऐसा लगता है कि संघीय राजधानी पर पीटीआई का नहीं बल्कि पराजित तकफीरी तत्वों का शासन है और सरकार उनके सामने बेबस नजर आती है।
उन्होंने अपने निंदात्मक बयान में कहा कि सरकार, राज्य और पाकिस्तानी सेना इस बात से अच्छी तरह वाकिफ थी कि लाल मस्जिद ने देश में पहले भी कई बार कलह पैदा किया था और उसी मानसिकता के लोग थे जो आर्मी पब्लिक स्कूल में शामिल हुए थे। राष्ट्रीय सुविधाओं को भारी नुकसान पहुंचा है। इस बार हारे हुए देश में शिया-सुन्नी दंगों को एक बार फिर से अंजाम देना चाहते हैं और रॉ और मोसाद के एजेंडे को लागू करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "अल्लामा शहंशाह नकवी शांतिवादी, उदारवादी और मुसलमानों के बीच एकता के समर्थक हैं और हम उनके खिलाफ इस तरह की अलोकतांत्रिक प्रथाओं की कड़ी निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि उन्हें मजालिसे अज़ा को संबोधित करने की अनुमति दी जाए।"
अल्लामा सैयद सादिक तकवी ने हैदराबाद और कराची में मजलिसे अज़ा को संबोधित करते हुए कहा कि हम एक शांतिप्रिय पाकिस्तानी हैं और हमें शांति से मजलिस करने का संवैधानिक अधिकार है। 6 सितंबर को कराची में आयोजित तथाकथित कांफ्रेस में, जिस प्रकार "शिया समुदाय के अकाइद और मुकद्देसात का अपमान करते हुए " को आतंकवादी कहने वालो को विचार करना चाहिए, कि यह वाक्य पैगंबर (स.अ.व.व.) का दिया हुआ है। काश ऐसी बातें कहने वाले पहले अपनी किताबें पढ़ते और शर्म से डूब जाते।
उन्होंने कहा कि हम जल्द ही अल्लामा शहंशाह नकवी से मिलेंगे और 28 सितंबर को इमाम हुसैन (अ.) के चेहलूम के लिए कार्ययोजना तैयार करेंगे।