हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "ग़ेरारूल हेकम" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامیر المومنین علیه السلام
اِنَّ اَنْفاسـَكَ اَجـْزاءُ عُمـْرِكَ، فَلا تُفْنِها اِلاّ فى طاعَةٍ تُزْلِفُكَ؛ـَكَ اَجـْزاءُ عُمـْرِكَ، فَلا تُفْنِها اِلاّ فى طاعَةٍ تُزْلِفُكَ؛ـْزاءُ عُمـْرِكَ، فَلا تُفْنِها اِلاّ فى طاعَةٍ تُزْلِفُكَ؛ـْرِكَ، فَلا تُفْنِها اِلاّ فى طاعَةٍ تُزْلِفُكَ؛
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
तुम्हारी सांसे तुम्हारी जिंदगी का हिस्सा है, बस अपनी सांसे भी ऐसी ईबादत के रास्ते में लो, जो तुम्हें खुदा के करीब कर दे!इसलिए उन्हें अपने हाथ से मत जाने दों।
ग़ेरारूल हेकम,भाग 2,पेंज499