۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
آیت سعیدی

हौज़ा/ ईरान के शहरे कुम के इमामें जुमआ ने कहा: इस वक्त इस्लामी सिस्टम की सबसे अच्छी सेवा है लोगों की समस्याओं को दूर करना,उन्होंने कहा कि इस्लामी गणतंत्र की व्यवस्था में इस्लामी व्यवस्था की बेहतरी के लिए किए गए हर काम को इबादत माना जाता है, जिस तरह हर वह काम जो ज़ालिम हुकूमत के लिए अंजाम दिया जाए वह लोगों पर जुल्मों सितम और गुनाह हिसाब होता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद सईदी ने हरम हज़रते फातेमा स.ल.में प्रात रजिस्ट्रेशन के जनरल डायरेक्टर जनाब मनोचेहर तैमूरी के साथ एक बैठक के दौरान बात करते हुए कहा कि इस वक्त इस्लामी सिस्टम की सबसे अच्छी सेवा है लोगों की समस्याओं को दूर करना, उन्होंने कहा कि इस्लामी गणतंत्र की व्यवस्था में इस्लामी व्यवस्था की बेहतरी के लिए किए गए हर काम को इबादत माना जाता है, जिस तरह हर वह काम जो ज़ालिम हुकूमत के लिए अंजाम दिया जाए वह लोगों पर जुल्मों सितम और गुनाह हिसाब होता है।

उन्होंने आगे कहा कि रिवायत में आया है कि अगर किसी ने ज़ालिम की थोड़ी सी भी मदद की तो उसको भी उसका जवाब देना होगा अगर कोई अल्लाह के लिए किसी की सेवा की और मदद की तो उसको सवाब ज़रूर मिलेगा,
उन्होंने कहा: इस्लामी व्यवस्था में हर तरह की सेवा महत्वपूर्ण है और इस समय सबसे अच्छी सेवा लोगों की समस्याओं को हल करना है।

क़ुम अलमुक़द्देसा में वलीये फ़क़ीह के प्रतिनिधि ने कहा: अहले बैत अ.स. कि संस्कृति में व्यक्तियों के अच्छे नामों के चयन पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।


और अहलुल बैत (अ.स.) नहीं चाहते थे कि लोगों के नाम अनुचित हों.जब लोग इमामों की सेवा में जाते थे तो उनका नाम पूछते थे और अगर किसी का नाम अनुचित चुप रहता था तो उसका नाम बदल देते थे,


उन्होंने कहा: यदि कोई अच्छी चीज़ अधिक है तो यह बहुत बेहतर है इसलिए समाज में अहले बैत अ.स. के नाम जितने अधिक होंगे, समाज के लिए उतना ही अच्छा होगा।

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