۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
آیت اللہ

हौज़ा/ ईरानी दीनी मदारिस के अध्यक्ष ने कहा:कि हौज़ाये इल्मिया और रज़ाकारों का असल मकसद और हदफ दुनिया में इस्लामी विचार और विचारधारा को बढ़ावा देना और इस्लामिक सभ्यता को बढ़ावा देना हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ईरानी दीनी मदारिस के अध्यक्ष ने आयतुल्लह अली रज़ा आराफी ने आज दारू अलशिफा में उलेमा और विद्यार्थियों और आला अफसरों के एक गीरोह से संबोधित करते हुए कहा: सप्ताह बसीज के अवसर पर लोगों को मुबारकबादी पेश करते हैं।
आगे उन्होंने कहा विद्वानों ने जो किया है उसकी सराहना की जाए कम है और विद्वानों के लिए हम श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं,विद्वानों ने शहादत का ध्वज लहराया,


हौज़ाहाये इल्मिया ईरान के अध्यक्ष ने बसीज की खुसूसियत बयान करते हुए कहा कि बसीज की एक खुसूसियत यह है कि लोगों की सेवा करना सेवा प्रदान करने में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना
आयतुल्लह अली रज़ा आराफी ने कहां बसीज तमाम अच्छाइयों का एक नमूना है, एक मजबूत बुनियाद है और उसका किला उन लोगों का किरदार है अलग-अलग मैदानों में अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं और लोगों की हर मुमकिन मदद कर रहे हैं।

आयतुल्लह अली रज़ा आराफी ने कहां:कि
हौज़ाये इल्मिया और रज़ाकारों का असल मकसद
और हदफ दुनिया में इस्लामी विचार और विचारधारा को बढ़ावा देना और इस्लामिक सभ्यता को बढ़ावा देना हैं।आज की दुनिया पर शासन करने के लिए इस्लामी विचार और विचारधारा को बढ़ावा देना और एक नई इस्लामी सभ्यता की नींव होना चाहिए।


ईरानी दीनी मदारिस के अध्यक्ष ने ज़ोर देकर कहा कि एक मंजर जिसे हम कभी नहीं भुला सकते वह ये है कि जब मैं लुबनान गया तो मैंने देखा कि बसीज और हिज़बुल्ला की ताकत इस्लामी क्रान्ति की शक्ति ने भी इजराइल की सीमाओं और दुश्मनों को हिला कर रख दिया है।


इमामें जुमआ कुम ने कहा कि दिफाये मुकद्दस में बसीज अपना एक रोल मॉडल अदा की है जो दुनिया भर में एक नमूना बन चुकी है।
अंत में उन्होंने बसीज के लिए दुआ की और कहां अल्लाह ताला जिनको और तरक्की दे और यह दीन की खिदमत कर सके,

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