हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इमाम खुमैनी के उम्मा की एकता के प्रयासों को दुनिया याद रखेगी। आज, खुमैनी के विचारों को एक व्यक्ति के रूप में नहीं बल्कि क्रांति और इस्लामी आंदोलन के आंदोलन के रूप में मान्यता प्राप्त है। समकालीन उपनिवेशवाद संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल और उसके अनुयायियों को खुमैनी के नाम से भयभीत है। इस्लामी दुनिया को इमाम खुमैनी ने बताया और सोच दी कि इस्लाम के दुश्मन संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल हैं। इन बातो को मेलबर्न के इमामे जुमा, स्कालर हुज्जतुल-इसलाम वल मुस्लेमीन अशफाक वहीदी ने इमाम खुमैनी की जयंती के अवरस एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यक्त किया ।
उन्होंने कहा कि इस्लामी दुनिया, खासकर ईरानी लोग, इस्लामी क्रांति के लिए इमाम खुमैनी के संघर्ष को महत्व देते हैं। यही कारण है कि इमाम खुमैनी के बलिदान के कारण इस्लामी क्रांति आज दुनिया में जीवित और अच्छी तरह से है। इस्लाम की सच्ची तस्वीर पेश करने वाले रूहोल्लाह खुमैनी हैं।
अल्लामा अशफाक वहीदी ने आगे कहा कि इस्लामी उम्मा के इमाम जिन्होंने यह नारा दिया कि महाशक्ति ईश्वर है, ला इलाहा इल्ला अल्लाह को वर्तमान युग में जीवित रखने की आवश्यकता है। लोगों का हर सदस्य इमाम खुमैनी की तरह नेतृत्व और जुनून की तलाश में है क्योंकि इमाम खुमैनी ने लोगों के लिए जो व्यवस्था और क्रांति छोड़ी थी उसमें सभी मानवाधिकार सुरक्षित हैं इसलिए आज दुनिया के लोग इमाम खुमैनी जैसे बहादुर नेतृत्व को दृढ़ता से महसूस करते हैं।