हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां यूक्रेन में ईरान युद्ध विराम का तरफ़दार है। हम चाहते हैं कि वहां जंग ख़त्म हो जाए लेकिन किसी भी संकट का हल तभी मुमकिन है जब उसकी जड़ों को पहिचान लिया जाए। यूक्रेन संकट की जड़ अमरीका की संकटजनक नीतिया हैं और यूक्रेन इन्हीं नीतियों की भेंट चढ़ गया।
अमरीका ने यूक्रेन को इस हालत में पहुंचाया है। अमरीका ने इस मुल्क के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करके, रंगीन विद्रोह करवाकर, एक सरकार को हटाने और दूसरी को सत्ता में लाने का सिलसिला शुरू करके यूक्रेन की यह हालत कर दी।
यूक्रेन के हालात से दो सबक़ मिलते हैं: जो सरकारें अमरीका और यूरोप से मदद की आस लगाए बैठी हैं जान लें कि यह मदद फ़रेब है हक़ीक़त नहीं। आज यूक्रेन कल अफ़ग़ानिस्तान। दोनों मुल्कों के राष्ट्रपतियों ने कहा कि हमने अमरीका और पश्चिम पर भरोसा किया और उन्होंने हमें बेसहारा छोड़ दिया।
सरकारों का सबसे बड़ा सहारा अवाम हैं। यह युक्रेन संकट का दूसरा बड़ा सबक़ है। अगर यूक्रेन के अवाम मैदान में उतर पड़ते तो यूक्रेन की सरकार की यह हालत न होती। अवाम मैदान में नहीं उतरे क्योंकि सरकार से संतुष्ट नहीं थे।
आज दुनिया में माडर्न जाहेलियत, भेदभाव, ज़ुल्म और संकट को जन्म देने की तसवीर अमरीका है। दरअस्ल अमरीकी सरकार संकटजनक और संकटजीवी सरकार है जो दुनिया भर में तरह तरह के संकटों से अपनी आजीविका हासिल करती है। यूक्रेन इसी सियासत की भेंट चढ़ गया।