۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
حکیم نظامی

हौज़ा/07 मार्च को मुगल बादशाह अकबर के शासन काल में लिखी गई किताब हमसर निज़ामी का सोमवार को दिल्ली स्थित ईरान कल्चर सेंटर में आयोजित एक समारोह में भारत में ईरान के राजदूत डॉ. अली चगीनी ने किया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , नई दिल्ली, 07 मार्च को मुगल बादशाह अकबर के शासन काल में लिखी गई किताब हमसर निज़ामी का सोमवार को दिल्ली स्थित ईरान कल्चर सेंटर में आयोजित एक समारोह में भारत में ईरान के राजदूत डॉ. अली चगीनी ने किया।

फारसी भाषा के विद्वान और शायर हकीम निजामी की इस किताब को अब्दुल रहीम हराबी ने जहांगीर की हुक्म पर अकबर की लाइब्रेरी के लिए लिखा था। इस किताब को लिखने में दो वर्ष का समय लगा। फारसी भाषा में लिखी गई इस किताब की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें दर्शाए गई 45-46 फोटो में हिन्दुस्तानी और ईरानी की कैलीग्राफी की खास झलक देखने को मिलती है, जो उस दौर की व्यवस्था को बयां करती हैं।

इस किताब के बारे में ईरान कल्चर सेंटर के काउंसलर मोहम्मद अली रब्बानी ने बताया कि इसके माध्यम से दो विभिन्न सभ्यताओं को एक दूसरे को समझने का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि यह किताब 12वीं शताब्दी के आस-पास लिखी गई है जिसके पांच भाग हैं, जो अलग-अलग दौर में लिखे गए। किताब के बारे में ज़्यादा जानकारी देते हुए रिजवान अली ने बताया कि आज भी इस किताब का असली नुस्खा ब्रिटिश लाइब्रेरी में रखा हुआ है।

रिजवान अली ने बताया कि वहां से इस किताब को लेकर हमने नूर सेंटर के प्रयास से नए रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। इसके साथ ही लगभग उन 20 भारतीय कलाकारों जिसमें मुसलमान और हिन्दू शामिल हैं,

जिन्होंने ईरानी नक्काशों के साथ मिलकर इस किताब को पूरा करने का काम किया था। इस मौके पर कल्चर हाउस में एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। कव्वाली के माध्यम से अली निज़ामी का फारसी भाषा में कलाम भी पेश किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में फारसी भाषा के विद्वान और छात्र छात्राएं भी मौजूद थीं।

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