हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने रमज़ानुल मुबारक के आठवें दिन की दुआ यह बयान फ़रमाई हैं:
اَللّهُمَّ ارْزُقْني فيہ رَحمَةَ الأَيْتامِ وَاِطعامَ الطَّعامِ وَاِفْشاءَ وَصُحْبَةَ الكِرامِ بِطَوْلِكَ يا مَلْجَاَ الأمِلينَ
अल्लाह हुम्मर ज़ुक्नी फ़ीहि रहमतल ऐतामि व इतआमत्तआमि व इफ़शाअस्सलामि व सुहबतल किरामि, बे तौलिका या मल जअल आमिलीन (अल बलदुल अमीन, पेज 220, इब्राहिम बिन अली)
ख़ुदाया! तुझे तेरी क़ुदरत की क़सम आज के दिन मुझे यतीमों पर रहम करने, भूखों को खाना खिलाने, अम्न को फैलाने और नेक लोगों की संगत में रहने की तौफ़ीक़ अता कर, ऐ उम्मीद रखने वालों की पनाहगाह।
अल्लाह हुम्मा स्वल्ले अला मुहम्मद व आले मुहम्मद व अज्जील फ़रजहुम.