हौज़ा न्यूज एजेंसी
आज:
Thursday - 11 March 2021
बुधवार, 27 रजबुल-मुरज्जब 1442
आज का दिन विशिष्ठ (मख़सूस) है:
हज़रत हसन बिन अली अल-असकरी (अ.स.)
आज का विर्द:
- ला इलाहा इल लल्लाहुल मलेकुल हक़्क़ु मुबीन (100 बार)
- या ग़फ़ूरो या रहीम (1000 बार)
- या रज़्ज़ाको (308 बार) जीविका (रिज़्क़) के विस्तार के लिए
घटित घटनाए:
हिजरत के 13 साल पहले पैगंबर (स.अ.व.व.) की पैगंबरी की घोषणा।
आने वाली मुनासबते:
* 6 दिन बाद इमाम हुसैन (अ.स.) का जन्मदिवस
* 7 दिन बाद हज़रत अब्बास (अ.स.) का जन्मदिवस
* 8 दिन बाद हज़रत इमाम सज्जाद (अ.स.) का जन्मदिवस
*14 दिन बाद हज़रत अली अकबर (अ.स.) का जन्मदिवस
▪️18 दिन जब हजरत इमाम-ज़मान (अ.त.फ.श.) का जन्मदिवस
बेअसत के दिन और रात के आमालः
रात के आमालः
ग़ुस्ल करना
अमीरुल मोमेनीन की ज़ियारत पढ़ना
12 रकअत नमाज़ इस तरह से अदा करें कि प्रत्येक रक़त में सूरह हमद, फ़लक और नास एक बार और सूरह इख़्लास चार बार पढ़े। नमाज़ के बाद, यह कहा जाना चाहिए: ला इलाहा इल लल्लाहो वल्लाहो अकबर अलहमदो लिल्लाहे वा सुबहानल्लाहे वला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाहिल अलीइल अज़ीम
बेअसत की रात को लैलतुल मोहय्या कहा जाता है, जो शब्बेदारी (रात्रि जागरण) के अर्थ में किया जाता है।
दिन के आमालः
गु़स्ल करना।
रोज़ा रखना।
मुहम्मद और मुहम्मद के परिवार वालो पर सलवात भेजना।
रसुल अल्लाह की ज़ियारत पढ़ना।
12 रकअतों को इस तरह अदा करें कि प्रत्येक रक़त में सूरह हमद और सूरह यासीन पढ़े। नमाज के बाद, चार बार सूरह अल-हमद का पढ़े और फिर चार बार कहें: अल्लाहो रब्बी ला अशरको बी शैय्आ।
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