۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
वहाबी

हौज़ा/इराक में सऊदी समर्थन और वहांबी सोच रखने वाले मुजतहिद महमूद सरखी के समर्थकों ने शुक्रवार की नमाज़ के दौरान दरगाहों का अपमान किया और मांग की कि उन्हें ध्वस्त कर दिया जाए, जिसके खिलाफ हज़ारों शिया और अहले बैत के चाहने वालों ने बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इराक में सऊदी समर्थन और वहांबी सोच रखने वाले मुजतहिद महमूद सरखी के समर्थकों ने शुक्रवार की नमाज़ के दौरान दरगाहों का अपमान किया और मांग की कि उन्हें ध्वस्त कर दिया जाए, जिसके खिलाफ हज़ारों शिया और अहले बैत के चाहने वालों ने बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन किया हैं।
प्रदर्शनकारियों ने लगभग सभी इराकी शहरों में उनके कार्यालयों में आग लगा दी हैं।

महमूद अलसरखी कौन हैं?
महमूद सरखी(महमूद भदाली) ने 2004 में खुद को मुजतहिद घोषित किया और खुद को एकमात्र अरबी मुजतहिद करार देता रहा हैं।
इराकियों के अनुसार इसकी फिक्र और इसके नज़रिया वहाबीयों से मिलते जुलते हैं, 2014 में सरखी ने ईराकी सरकार को आईएसआईएस के साथ बातचीत के लिए आमंत्रित करते हुए आयातुल्ला सिस्तानी के जिहाद के फरवे को भी गलत करार देते हुए मरजईत का अपमान किया और उनके फतवे को आंतरिक युद्ध को भड़काना कहा था

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