हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "वसायलुश शिया" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم
إنّ مَثَلَ الصَّلاةِ کَمَثَلِ النَّهرِ الْجاري کُلَّما صَلّي کَفَّرَت ما بَينَهُما
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
नमाज़ जारी (बहने वाले पानी) की तरह हैं, जिस वक्त इंसान नमाज़ पढ़ता है तो वह नमाज़ दो नमाज़ों के दरमियान अंजाम पाने वाले गुनाहों को नाबूद कर देती हैं।
वसायलुश शिया,भाग 3,पेंज 7