۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
مولانا سید ذکی حسن

हौज़ा/मरहूम आयतुल्लाह हकीम ने ,अलहिक्मा, कार्यालय द्वारा आपने सारी दुनिया के शिया नौजवानों की तरबीयत में अनोखा उदाहरण पेश किया हैं।, जिसका असर खत्म होने वाला नहीं है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हिंदुस्तान के मशहूर आलमेदीन मौलाना सैय्यद ज़कि हसन
संपादक जाफरी ऑब्जर्वर, मुंबई ने हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद मुहम्मद सईदुल हकीम के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि इराक और इराक वालों के लिए वह काम किये है कि जिस को भुलाया नहीं जा सकता उन्होंने अपने परिवार वालों ने शहीद होते हुए अपनी आंखों से देखा तमाम कुर्बानी को देखते हुए  भी दीन की तबलीग में कोई कोताही नहीं की आप का निधन उस दिन हुआ जिस दिन हजरत जैनुलाब्दीन अलैहिस्सलाम की शहादत थी अहले बैत अ.स. की मोहब्बत की एक बड़ी निशानी है।

मरहूम आयतुल्लाह हकीम को उनकी धार्मिक, वैज्ञानिक, सामाजिक, कल्याणकारी और मानवीय सेवाओं के लिए हमेशा याद किया जाएगा। इन सेवाओं के दायरे ने पूरी दुनिया को कवर किया है। अलहिक्मा,,कार्यालय द्वारा आपने सारी दुनिया के शिया नौजवानों की तरबीयत में अनोखा उदाहरण पेश किया हैं।, जिसका असर खत्म होने वाला नहीं है।
आलमें इस्लम आपके निधन पर शोक मना रही है और हर आंख में आंसू हैं।
हम दुआ करते है हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद मुहम्मद सईदुल हकीम को जवारे मासूमीन अ.स. मे जगह करार दे मरहूम के दरजात को बुलंद फरमाएं और उनके परिवार वालों को सुख और शांति दें।

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