۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
लखनऊ

हौज़ा/ जन्नतुल बाकी के शहादत के अवसर पर लखनऊ में बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और सऊदी हुकूमत के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार करते हुए अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,लखनऊ: सऊदी अरब के मदीना शहर में जन्नतुल बकी कब्रिस्तान 97 साल पूर्व सऊदी हुकूमत के द्वारा तोड़ी गई पैग़ंबरे इस्लाम स.ल.व.व. की इकलौती बेटी जनाबे फातिमा ज़हरा और इमामो के रौज़ों के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर आज मौलाना यासूब अब्बास के नेतृत्व में लखनऊ के शहीद स्मारक पर सऊदी हुकूमत के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन कर 97 साल पहले तोड़े गए रोजों के पुनर्निर्माण की मांग की गई। शहीद स्मारक पर आयोजित विरोध प्रदर्शन में सऊदी हुकूमत के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए गए और ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सायम मेहंदी की तरफ से भारत के प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भेजकर सऊदी हुकूमत पर दबाव बनाकर रौज़ों के पुनः निर्माण कराए जाने की मांग की गई ।

सऊदी हुकूमत के खिलाफ हर साल की तरह इस साल भी 8 शव्वाल यानी ईद के आठवें दिन आयोजित होने वाले विरोध प्रदर्शन में बोलते हुए मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि आज से लगभग 97 साल पहले सऊदी अरब के शासक आले सऊद ने जन्नतुल बकी में हज़रत मोहम्मद स.ल.व.व. के खानदान वालों और उनकी एकलौती बेटी के रोज़ो को ध्वस्त कर दिया था जो बहुत अफसोस की बात है उन्हेंने कहा कि सऊदी हुकूमत जिस तरह रसूल का कलमा पड़ती है और उनकी बेटी की कब्र पर आज तक कोई गाया नहीं है । मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि सऊदी शासक जिस रसूल का कलमा पढ़ते हैं उसकी बेटी की कब्र पर आज तक कोई साया नहीं है। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि सऊदी शासक अपने बड़े बड़े महलों में रह रहे हैं लेकिन जिनका वो कलमा पढ़ते हैं उनके रसूल की बेटी की कब्र खुले आसमान के नीचे है। मौलाना ने सऊदी अरब की हुकूमत से मांग की है कि या तो वह जन्नतुल बकी कब्रस्तान में रौज़ों का निर्माण कराएं या हमको इजाजत दे कि हम वहां जाकर मजारों का पुनर्निर्माण करें । मौलाना ने भारत के प्रधानमंत्री से अपील की है कि वो अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके सऊदी अरब सरकार पर दबाव बनाए कि शिया समुदाय पर होने वाले अत्याचार को बंद किया जाए मौलाना यासूब अब्बास ने अपने भाषण में कहा कि इस्लाम धर्म किसी पर जोर जबरदस्ती नहीं करता और सऊदी अरब मुसलमानों पर जबरदस्ती करके अपना दृष्टिकोण से मुसलमानों पर लादना चाहती है ये इस्लाम धर्म के उपदेशों के खिलाफ है। ऑल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सायम मेहंदी ने भारत के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग भी की है।

मंगलवार को शहीद स्मारक पर आयोजित सऊदी हुकूमत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हजारों लोगों ने शिरकत कर अपने गुस्से का इजहार करते हुए मातम कर अपनी नाराज़गी जाहिर की। इस विरोध प्रदर्शन में सबसे बड़ी बात जो देखने को मिली वो ये थी कि बड़े पैमाने पर शिया समुदाय के लोग सऊदी हुकूमत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए शहीद स्मारक पर जमा हुए थे लेकिन यहां पर यातायात व्यवस्था को प्रदर्शनकारियों के द्वारा जरा भी बाधित नहीं होने दिया गया । विरोध प्रदर्शन को देखते हुए शहीद स्मारक के आसपास पुलिस फोर्स को भी तैनात किया गया था लेकिन प्रदर्शनकारियों ने खुद ही यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिम्मेदारी संभाल ली थी और एक पल के लिए भी वहां प्रदर्शन की वजह से यातायात बाधित नहीं हुआ । लखनऊ: सऊदी अरब के मदीना शहर में जन्नतुल बकी कब्रिस्तान 97 साल पूर्व सऊदी हुकूमत के द्वारा तोड़ी गई पैग़ंबरे इस्लाम स.ल.व.व. की इकलौती बेटी जनाबे फातिमा ज़हरा और इमामो के रौज़ों के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर आज मौलाना यासूब अब्बास के नेतृत्व में लखनऊ के शहीद स्मारक पर सऊदी हुकूमत के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन कर 97 साल पहले तोड़े गए रोजों के पुनर्निर्माण की मांग की गई। शहीद स्मारक पर आयोजित विरोध प्रदर्शन में सऊदी हुकूमत के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए गए और ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सायम मेहंदी की तरफ से भारत के प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भेजकर सऊदी हुकूमत पर दबाव बनाकर रौज़ों के पुनः निर्माण कराए जाने की मांग की गई । सऊदी हुकूमत के खिलाफ हर साल की तरह इस साल भी 8 शव्वाल यानी ईद के आठवें दिन आयोजित होने वाले विरोध प्रदर्शन में बोलते हुए मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि आज से लगभग 97 साल पहले सऊदी अरब के शासक आले सऊद ने जन्नतुल बकी में हज़रत मोहम्मद स.ल.व.व. के खानदान वालों और उनकी एकलौती बेटी के रोज़ो को ध्वस्त कर दिया था जो बहुत अफसोस की बात है उन्हेंने कहा कि सऊदी हुकूमत जिस तरह रसूल का कलमा पड़ती है और उनकी बेटी की कब्र पर आज तक कोई गाया नहीं है । मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि सऊदी शासक जिस रसूल का कलमा पढ़ते हैं उसकी बेटी की कब्र पर आज तक कोई साया नहीं है। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि सऊदी शासक अपने बड़े बड़े महलों में रह रहे हैं लेकिन जिनका वो कलमा पढ़ते हैं उनके रसूल की बेटी की कब्र खुले आसमान के नीचे है। मौलाना ने सऊदी अरब की हुकूमत से मांग की है कि या तो वह जन्नतुल बकी कब्रस्तान में रौज़ों का निर्माण कराएं या हमको इजाजत दे कि हम वहां जाकर मजारों का पुनर्निर्माण करें । मौलाना ने भारत के प्रधानमंत्री से अपील की है कि वो अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके सऊदी अरब सरकार पर दबाव बनाए कि शिया समुदाय पर होने वाले अत्याचार को बंद किया जाए मौलाना यासूब अब्बास ने अपने भाषण में कहा कि इस्लाम धर्म किसी पर जोर जबरदस्ती नहीं करता और सऊदी अरब मुसलमानों पर जबरदस्ती करके अपना दृष्टिकोण से मुसलमानों पर लादना चाहती है ये इस्लाम धर्म के उपदेशों के खिलाफ है। ऑल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सायम मेहंदी ने भारत के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग भी की है। मंगलवार को शहीद स्मारक पर आयोजित सऊदी हुकूमत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हजारों लोगों ने शिरकत कर अपने गुस्से का इजहार करते हुए मातम कर अपनी नाराज़गी जाहिर की। इस विरोध प्रदर्शन में सबसे बड़ी बात जो देखने को मिली वो ये थी कि बड़े पैमाने पर शिया समुदाय के लोग सऊदी हुकूमत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए शहीद स्मारक पर जमा हुए थे लेकिन यहां पर यातायात व्यवस्था को प्रदर्शनकारियों के द्वारा जरा भी बाधित नहीं होने दिया गया । विरोध प्रदर्शन को देखते हुए शहीद स्मारक के आसपास पुलिस फोर्स को भी तैनात किया गया था लेकिन प्रदर्शनकारियों ने खुद ही यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिम्मेदारी संभाल ली थी और एक पल के लिए भी वहां प्रदर्शन की वजह से यातायात बाधित नहीं हुआ ।

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